Friday, December 14, 2018

Autobiography of an Unknown Medico- covers(though photos will not come here)



The reorganization of Indian States (Dr. Dhanakar Thakur’s proposition based on various factors mainly 2.5 – 5 per cent of area and or population of India)






Dr. Dhanakar Thakur on his mission of separate Mithila states in India and Nepal(in picure with Nepali PM Prachanda who accepted and announced it for Nepal)



 
Dr, Dhanakar Thakur at the GMC, Srinagar, on 7.11.2004, concluding his visits to all 106 medical colleges of his time.

1 comment:

Dr. Dhanakar Thakur said...

---

🌟 Dr. Dhanakar Thakur – Many Firsts

1. चिकित्सा एवं शिक्षा

मिथिला के पहले एमडी (जनरल मेडिसिन), जिन्होंने साथ ही डीसीएच (बाल रोग) भी किया।

फोर्बिसगंज (बिहार) में जन्मे पहले ऐसे चिकित्सक जिनके पास एमडी और डीसीएच दोनों उपाधियाँ हैं।

एमडी छात्र रहते (1985–86) ही Progress in Clinical Neurosciences (Neurological Society of India) के सहायक संपादक बने।

Indian Psychiatry Journal को संपादित करने वाले पहले फिजिशियन (गैर-मनोचिकित्सक)।

Aayurvigyan Pragati (हिंदी–अंग्रेज़ी चिकित्सा जर्नल) संपादित करने वाले पहले मैथिल।

1973 में रांची कॉलेज पत्रिका में प्रकाशित “विषाणु: विश्व नवजीवनक निर्माण” – मैथिली में उच्च स्तरीय वैज्ञानिक लेख लिखने वाले पहले व्यक्ति।

भारत में चिकित्सा शिक्षा को भारतीय भाषाओं में चलाने के पक्षधर पहले डॉक्टरों में से — आज यह नीति 11 भारतीय भाषाओं में स्वीकार हो चुकी है।

2. शोध एवं चिकित्सीय उपलब्धियाँ

एस.एल.ई. (SLE) के रीनल लीजन में बहु-औषधि उपयोग करने वाले पहले चिकित्सक।

दवाओं और उग्रवाद/आतंकवाद के संबंध को उजागर करने वाले पहले शोधकर्ता।

1984 में Aayurvigyan Pragati में “Calamity Medicine” (आज का Disaster Medicine) की संकल्पना रखने वाले पहले।

3. सामाजिक एवं संगठनात्मक कार्य

1977 में National Medicos Organization (NMO) की स्थापना — आरएसएस से जुड़ा पहला चिकित्सक संगठन।

NEO (Nationalist Engineering Organization), NAgO (Nationalist Agricos Organization), Bharatiya Lipi Parishad, Bismil Vichar Manch के संस्थापक।

Aadarsh Mithila Party, Akhil Bharatiya Mithila Party, Aadarsh Ramganga Party जैसे राजनीतिक समूहों के प्रवर्तक।

4. सांस्कृतिक एवं भाषाई योगदान

मैथिली के पहले चिकित्सक लेखक जिन्होंने विज्ञान, चिकित्सा और तकनीकी विषयों पर लेखन किया।

मैथिली भाषा में काव्य समीक्षा (Kavya Sameeksha) की परंपरा प्रारंभ करने वाले पहले।

भगवद्गीता का मैथिली अनुवाद करने वाले पहले एमडी डॉक्टर (भूमिका – पुरी पीठाधीश्वर HH स्वामी निश्चलानंद सरस्वती)।

Dwadasha Kumbh जैसी कृतियाँ लिखकर संस्कृत, हिंदी, मैथिली और संस्कृतनिष्ठ साहित्य को समृद्ध किया।

संस्कृत में कविता और कहानी लिखने वाले पहले एमडी डॉक्टर।

हिंदी में साहित्य, विज्ञान, चिकित्सा, प्रबंधन, और संस्कृति सभी क्षेत्रों में योगदान करने वाले पहले व्यक्ति।

5. ऐतिहासिक एवं राष्ट्रीय चिंतन

स्वतंत्रता सेनानियों में चिकित्सकों की भूमिका पर शोधपत्र प्रस्तुत करने वाले पहले डॉक्टर।

धातुकर्म (Metallurgy) पर शोधपत्र लिखने वाले पहले डॉक्टर, तथा Steel Rajbhasha (Mecon, Ranchi) में हिंदी में प्रकाशित।

SAIL प्रबंधन जर्नल में “लीडरशिप” पर लेख लिखने वाले पहले डॉक्टर।

दक्षिण-पूर्व एशिया में विज्ञान के विकास पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में शोधपत्र प्रस्तुत करने वाले पहले डॉक्टर।

6. भूगोल एवं राजनीति के विचार

नए राज्यों की परिकल्पना करने वाले पहले चिंतक:

Marupradesh (राजस्थान से)

Tungabhadra व Cauvery (कर्नाटक से)

तमिलनाडु को वद-थामिळगम (उत्तर) व तेन-थामिळगम (दक्षिण) में बाँटने का प्रस्ताव।

बरेली–मुरादाबाद की बोली को “पांचाली” नाम देने वाले पहले व्यक्ति।

7. राष्ट्रीय दिवस व स्मृति आयोजन

दधीचि जयंती को “ब्राह्मण दिवस” (2023, शाहजहाँपुर)।

वाचस्पति जयंती (2024, तिलहर)।

पाणिनि जयंती को “अंतरराष्ट्रीय संस्कृत दिवस” (2024)।

गार्गी जयंती (2024)।

सर जॉर्ज ए. ग्रियर्सन जयंती (1994 व 1996, मधुबनी) को “मैथिली सम्मान दिवस” के रूप में स्थापित करने वाले पहले।

8. अन्य विशिष्ट विचार

गुरुवार को राष्ट्रीय साप्ताहिक अवकाश बनाने का पहला प्रस्ताव (क्योंकि 15 अगस्त 1947 गुरुवार था)।

“India” की जगह “Bharat” को सरकारी व डिजिटल उपयोग में लाने का प्रस्ताव — ताकि करोड़ों-खरबों सेकंड समय बचे।

-