Wednesday, September 19, 2012

कतहु रही अपन गाम आ मिथिलाक संस्कार के याद राखी -हमर मातृकक एक अपिरिचित डाक्टर मिथिलेश झा फ़ोन केलन्ही इंग्लैंडस

कतहु रही अपन गाम आ मिथिलाक संस्कार के याद राखी आई चौरचन अछि चौठचन्द्र अनेक पौराणिक कथा एहीस जुरल जे नीचा देल अछि मुदा मैथिलि संगठन लेल हमरा द्वारा आजुक दिन १९९३ में कांकेमे कृषि विश्वविद्यालयमे मिथिल्क कृषि विकास पर गोष्ठी , २००६ में बंगलोरे में भगिनी पूनम क डेरा पर भेल आयोजन जाहि में अनेक अपिरिचित अयलाह जाही में कोइलख क प्रभाष ठाकुरक अपन माताजीक संग आबी मात्रिक कोइलख क याद दियौनाई सेहो, आ फेर २०१० में मुलुंड में डॉ अरबिंद झक कहब आई चौर चन अछि घर गेनाई जरूरी जखन की हुनक जन्म मुंबई में भेल - आई रांचीमें आब उत्तरकाण्ड लेल जा फेर हम मध्यरात्रिमे जखन अस्पतालस लौटब हमर १५ मॉस क भगिनी रोहिणी आन दिन जकां जागल रहत आ कनी देर खेलाकय (जाबत हम खायब आ समाचार देखब) सुतत - सब दिन हम ओही समय तक किछु काज कम्पूटर पर करीत छि एक भोर ८३० में खा क अयालक बाद - सांझ में किछु जलखई अबैत अछि एतही - हमरा लेल कोनो त्यौहार क अर्थ छुट्टी आ कोनो कार्यक्रम बैसार मात्र रही गेल अछि i - हमर आजुक दिनक याद अनेक अछि बच्चाक 'उगे चान की लप्कही पुआ' जखन अहमर माय जीबित छलथिस लय क आजुक दिन जखन हमर मातृकक एक अपिरिचित डाक्टर मिथिलेश झा फ़ोन केलन्ही इंग्लैंडस - आ २० मिनट ३८ सेकंडक बात अपन अस्पताल में अछैत बात केलाह - मोन छल जे कन्नडा लेखक डॉ यु आर अनंत मुर्तिक अगस्त १९६४ क बर्मिंघममे लिखल क्लिप जोइंट कथाक किछु भाग जे अनुवाद मैथिलीमे पूरा भेल अछि के टाइप कय ली जाहिमे एखन ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट लग एक पात्र केशवक रूपमे ओ हमरा लगैत अछि स्वयम छथि एक अन्य अंग्रेज मित्र स्टुअर्टक संग घुमैत सेल्फ रिजेज (वाल मार्ट जन्का बिग बाज़ार जाही पर ममता सरकार छोद्लाठी आ हम एक लेख भारतक राजनीति आ बीजेपीक भविष्य पर लिखी किछुवे देर पूर्व प्रवक्ताके पठाओल अछि ) में घूमि रहल छथि आ हुनका हर बातमे अपन देश याद अबैत छनि ५० सालमे लन्दनमे सेहो जरूर परिवर्तन जरूर भेल होयत मुदा हम सब अपन घर ओहिना याद करैत छि तैं मिथिलेश जे हमरा चिन्हैत छलथि हमारा स ६ वर्ष कनीय दरभंगा मेडिकल कोल्लेजेमे हमरा याद केलाह अछि कारण हम एक दिन बेतियाक लगक एक गामक केशव झा जे हमर बीमार सेहो छथि स्टील ऑथोरिटी स सेवा निवृत्त उपमहाप्रबंधक नाते आ वरीय मित्र सेहो जिनक बालक प्रवीण आ पुतोहू इंग्लैंडमे डाक्टर , कहियो कहने छलथि जे ओत रामभद्र झा नामक डाक्टर छथि अति मिथिलाप्रेमी -ओतहु हुनक डाक्टर पत्नी जे मैथिली नहीं बजैत छलीहके कहने छल्खिंह जाबत नहीं बजतीह मैथिली ओ सीधा बात हुनकास नहि करताह , हमारा लागल कहीं यो हमर ग्राम्मीन बिरसायरक राम बाबूक बालक त नहि? बिरसायर आ समौल एकही बुझु. हुनका ताकय लेल ओही मैथिलि ग्रुपके वेबसाइट पर हुनक नम्बर पठेबाक आग्रह किछु दिन पूर्व केने छलान्हू आ ओही समय पढने छलान्हू हुनका सबहक गतिविधि कोना सालाना बैसार आ पिकनिक करैत छथि - जनि कय नीक लागल जे हुनक संगठनक सचिव वीणा कर्ण छथिन्ह याने ओ सर्वजातीय मैथिल संगठन अछि हम कह्लियेंह जे ओ सन जहिया कहियो इम्हर आबथि सूचित करैथि - ओना दिसम्बर २२-२३ क मधेपुरा में होमबला रजत अंतर्राष्ट्रीय मैथिलि सम्मलेन लेल किनको पठबथि ईहो कह्लियेन्ही जे साल में एक एहेन सभा करती जाही में भारत -नेपाल क विविध भाषा भाषी के २-२ प्रतिनिधि के बजा बठी आ पण मिथिलाक संस्कार तीर्त्थ पोथी आदि के बारे में बताबथी मैथिल katahu कूपमंडूक नहि हो हमर पुरखाक यशगान दिग दिगंत तक रहल अछि आ मिथिला प्रांत हम लेब जरूर मुदा सौमनस्यस सलाह देलियेन्ही जे एक इ पत्रिका निकाली सदस्य के मैथिली लिखी लेल प्रोत्साहित करी (जेना डॉ मणिकांत ठाकुर आदि अमेरिका में १२ साल स बेशी 'मैथिली' पत्रिका हाथस लिखी निकाल्लाहा ओ कहलाह अगिला बैसारमे विधिवत प्रस्ताव दय अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् क सहयोगी संगठन बनी जेताह २०मिनट में बहुत बात भेल- ओ हमर संगी कीती नारायण क सार चाहती- कीर्ति आँखी विशेषग्य अछि , एखन पोखरा नेपालमे प्रोफ़ेसर, कहियो सेनामे छल कियो कहलक मैथिलीमे किछु रचना केने अछि पोथी छैक- बरेलीमे छल त ओतय विद्यापति पर्वमे सक्रिय छल - याद पडैत अछि १९८६ मे हमर सम्पादित न्यूरोसाइंसेजक पोथी मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेजमे देखि स्टाल पर कहने छलैक जे धनाकर हमर संगी कतय छथि? हालमे हम छलन्हू- भेंट नहि भेल आब ओकर सूत्र भेटी गेल अछि- ओकर बेटी बेटा सब बंगलोरे आदिमे नीक सेत्तले छैक हम अपन जागरण यात्रामे कोइलखक ओ वृत्त खोली सुनावाल जाहिमे १६-१७ अक्टूबर १९९३क कथा वर्णन अछि जहिया हम असगरे मिथिला जागरण पदयात्रा पर निकली गेल छलन्हू एक्स्सल शीटमे कोइलखक अनेक शहर बंगलोरे , पटना , रांची आदिक मैथिलक नाम कहाल्येन्ही आ पटनाक एक पत्रकारक जे मिथिलाक जल बंगलादेश बंगाल खाइत अछि क बारेमे जे व्यक्तिगत रूपस गेलंहु पर ओ समाचार नहि छपलाह जखन की दोसर ठाम छपल (पूछला पर अभद्र जनका बात केला ).. याद केलियेन्ही कोइलखक मोतीलाल ठाकुर के जे बढ़ई जातीक मुदा काफी शिक्षित आ हुनक डाक्टर पत्नी जखन फूलडाली लय भगवती स्थान जाइत छथि त देखाय्बाला(कियो हमारा कहलक तैं जन्लान्हू आ लिख्लान्हू ओना हमर भेंट हुनकामे ककरोस नहि) - जखन कह्लियेन्ही जे कोइलखक एक लडकीक वेबसाईटस हम भगवतीक फोटो लेलान्हू -पठा दी त कहलाह- हमर मोबाइलमे ओ फिट छथि -कतहु रही अपन गाम याद राखी मिथिलेश सब जखन दरभंगा मेडिकल कोल्लेज क इस्ट हॉस्टलमे रहैत छलाह हम अपन मेडिकल संगठनक कार्यकर्ता सुशील स भेंट करय जाइत छलन्हू बात भेल डॉ भवनाथ मिश्रा पर जिनक गामक नाम श्यामबाबु जाही पर हमर मेक संगी भलो मौसी हमर नाम सेहो राखी देने अछि- घरक नाम श्याम आन बहुत बात भेल नीक लागल

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