Tuesday, June 19, 2012

आई आषाढी अमावस्या यानी अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषदक स्थापना दिवस अछि -

आई आषाढी अमावस्या यानी अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषदक स्थापना दिवस अछि - १९९३ में आजुक दिन ...कतेक व्यस्त हमसब छलन्हू- रांचीमे प्रथम अंतरराष्ट्रिय मैथिली सम्मलेनक आयोजन छल- डॉ. जयकांत मिश्र, बाबु साहेब चौधरी , काठ मांडू स अमरेश नारायण झा, गंगा प्रसाद आदि आबि चुक्ल छ लाह हमरा सन नव मैथिली कार्य कर्त्ता क बुलाबा पर- मुदा भारती क टीम लाग्ल छ ल दिन राति आइ तक की नहि भेल- गाम-गम अ मै प पहुचल २४ एहेन मैथिली सम्मलेन , सैकड़ों बैसार, मैथिली के आ ठ म अनुसूची मे स्थान.. मुदा मिथिला नहि बनल अच्हि, इम्हर वा उम्हर एतहु भारती शिथिल अछि - एहोइ बेर पिक्निक सेहो ह्नहि भेल हम्ह्नु आब ओतेक नहि कय सक्ब ओना आईओ मुज़फ़्फ़र्पुर अनेक स शनि दिन मीतिन्ग लेल बात केलान्हू आ दर भंगा सांझ आ रवि सौराठ लेल परसू मीतिन्ग भेल छ ल मधुपुर मे ८ सिस्तम्बर क प्रां तीय सम्मेलन हयत काज बढल अछि - कोनो कोनो कर्यकर्ता छू टलो छथि छू टलो कियैक सोचक चाही- हम सब ककरो नहि छोडल अछि- मुदा संगठन क हिसब-किताब आ , अनुशाशन रखैत काज कर्य्बाला युवा आगान आबथि मिथिलामे एकरे कमी छ्हैक , बुद्धि एत ५ साल्क बच्चाके सेहो छाई क मुदा बिन कदम ताल के माथ सन्ग नहि चल्तैक आ आन्दोलन नहि होयत’ क्कियो ककरो नेता मानाथि एकतर आवश्य्कता नहि मुदा कार्य कर्त्ता जरूर बनाती आ कार्य कर्त्ता कोनो मज़्दूर नहि छाई क - अ मै प मे सब अधिकारी पैघ कर्यकरता छ थि- सन्ग भेंट करब, अपन विचार रखब, निर्णय के मान्ब. आव्स्श्यक अछि नहि त एहिना स्थपना दिवस होतिओ रहत आ काज कतहू थामल रह्त. नब -नब जगह लोक चाही समय देब्बला लोक चा ही, गप्प देइबला नहि जे घटा भरि समय नहि दय सकथि.. समय मुल्य्वान छाई क .. मुदा चाही मिथिलाक सीमा छोट भेल जारहल चि अमै प सीमा बन्धक काज केलक जे कहियो नहि भेल ५० साल स मैथिलीमे ओझरयल आन्दोलन के मिथिला आन्दोलन मे बद्लबाक प्रयस केलक पहिले मिथिला तखन अओर र किछु- एकर उलटा भेलक कारण मैथिली के प्रतिष्ठामे एतेक झ्हन्झत भेल गाम गाम लोक चाही - मिथिलक सब जिला मे चा ही- जहि जिलामे अधिक छथि, ओतयस जा हि जिलमे कम ओत लोक के जेबा क चाही समय दयक एहेन लोक संपर्क करथि

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