Monday, June 11, 2012
मिथिला जागरण यात्रा १२३म
हमर एक संक्षिप्त मिथिला जागरण यात्रा १२३म भय गेल- संगमे एक परिवार क कार्य सेहो जुटी गेलक छल चूँकि हमारा जयबाक छल- मौर्य एक्सप्रेस पकडब हमेशा कठिन रहित अछि अप्राहंक ड्यूटी किछु करैत जाई में हडबडी से भेल मुदा ट्रेन भेटी गेल, वेट लिस्ट स आरअसी भेल टिकट सेहो कॉन्फीर्म भेल- एक राती पूर्व ३ बाजी गेल जखन विवेकंद्जी क किताब के एडिटिंग मध्यरात्रि तक कयलाक बाद डेरा गेला पर देखने छलन्हू सूतित काल जे मैथिली सन्देश क जे packet मिथिला क करीब ७०० उच्च विद्यालय लेल ब्वनावाल अछि ओही में केवल पिन स पञ्च केलक कारन अनेक के गंतव्य तक पंहुचे के पहिले फाटक डर अछि
आ तैं सब में एक पातर प्लास्टिक स गोंद लागायल
नीद खुजल मिथिला में बरुनी में फेर समस्तीपुर उतरि टिकट रोसड़ा क लेल आ मैथिल सन्देश के आर ऍम अस में खासा हल्लुक भेलाक बाद स्नान पूजा करीत सामने ठाड़ ८२० क ट्रेन क इंजन लागल हडबडा क पूजा ख़त्म के ट्रेन में
भरल ट्रेन बैस्क जगह जाट छल से डाली पसंगेर नहीं देब चाक मुद्रामे सामान ऊपर राखी भोर में पसीना छुबैत घाम आ फोन कतहु शंकर बाबु बजलाह जे आबि नहीं सकब मुदा कही देल गेल अछि उमेश चौधरी जी प्रभात तारा विद्यालय चली जायब. दू दिन पूर्व प्रोफ रामश्रय यादव जी दुःख स कहने छलाह जे हुनक पिताजी स्वर्गीय भेलखिन बैसार कॉलेज में नहि होयत
रोसरा स्टेशन उतर्लान्हू मह्तोजी क निर्देशित बाल्मिकी महतो बखरी स लक्ष्मी मंडल संगे आयल छलाह मुदा ओ हमरा स भेंट कार्य आयल छलाह स्थानीय नहीं छलाह रिक्शा १५ के ३० मंगलक पैदले ३ आदमी चलते चल्लान्हू आ रोसरा अनचल, महावीर चौक देखैत प्रभात तारा स्कूल प्रभु ठाकुर मोहल्ला में
प्रभात तारा स्कूलसब स्वागत केलान्ही मुदा जगद्गुरु शंकराचार्य क कार्यक्रम ओही जगह आ सब विद्वान् मैथिल बाझल -ओहिओ समय खबरी हेतल जे अनुज मुंबई जश्लोक में भारती छथि
हम कहलियेन्ही कोनो बात नहीं - विदय्लय में बच्चा सबके जमा करू ताबत सत्यनारायण महतो जी आबी गेलाह
बछा सब के स्वास्थ्य पर बतावल, किछु प्रश्न पूछक आदत परि आ फेर मिथिला मैथिली क विषय में मूल चर्चा अ यात्रिजे एक मिथिला गान
फेर शिक्षक सब के मिथिला राज्य लेल बता अनुमंडल समिति क गठन फेर भोजन भेल आ डॉ उपेन्द्र यादव पंहुची गेलाह सिंगिया स ( अब नरहन स्टेशन १८.७.१९९९ क रूकल छालान्हू से स्टेशन सिगिया घाट भय गेलिक से अबैत काल बुझल दलसिंग सराय जाइक हिम्मत नहीं भेल रौद में विश्राम केलन्हू
आ फेर ४ बजे निकलि बस स्टैंड -रास्ता में सिगियामें उपेन्द्रजी उतरि गेलाह फेर पडल गंडक नदी आ बम्बैया नामक गाम - ओही पर सोचैत दलसिंह सराय महावीर चौक पर हीरालाल महतो छलाह- ३१ नम्बर गुमटी लग गेलंहु मुदा जे कहने छलाह जे भोर अन्हु में कहने छलाह कार्यालय भय जेतैक से समस्तीपुर गेल - ने मीटिंग क कोनो व्यवस्था बहुत दुःख भेल - ताबत प्रोफ प्रेम जी अयलाह कह्लियेन्ही जे अन्हां काज स्वीकार करू आ से ओ केलाह
महावीर चौक पर नगर अध्यक्ष जज साहेब सेहो सुन्दरकाण्ड में हर्पिस भेलाक बाबजूद
लोकक प्राथमिकता में मिथिला - मैथिलि नहीं छैक से सब ठाम तहान हमरा सन मूर्ख अपन काज छोड़ी रौद -जाड में लागल घुमैत रहित अछि-
ज्ञानोदय विद्यालय में स्वागत
पिछला वर्ष ओतय गेल छालान्हू- बच्चा सबके जमा के एक क नाम मिथिलेश ओही पर एक कहानी खेल क मिश्रण में जे हम मिथिला- मिथिलेश - जानकी आदि पर बता दी ओ फेर पूछला पर गलती बटुला पर 'आउट' से नब आविष्कार केअल्न्हू ओही राती बच्चा सब के के नीक सेहो लगलैक.
भोजन बाद चांदनीक स्निग्ध, शीतल वातावरण में सूतल्न्हू- एही बेर मछर दानी संग में छल मुदा जरूरत नहीं भेल
भोर उठी स्नान पूजा
८ बजे स राखल मीटिंग लेल प्रेमजी आ फेर महतों द्वय- रिलीज तैयार - जलखई भोरे फल- बिस्कुट भेल छलैक मुदा फेर परोठा तरकारीक बुझु भोजन
फोन समस्तीपुर स शंकरजी क बतावल डॉ परमानद लाभक आ ट्रेन धुर्याँ स्टेशन पर टिकट कटाबितान्ही समस्तीपुर उतारी मारवाड़ी ठाकुरवाडी
जे आयोजक छलाह हुनक पता नहीं- पहिने फोने पर जब्बाब मुदा बाद में ओहो बंद-
अस्तु जय जगदीश हरे प्रार्थनाक मैथिली अनुवाद कयलान्हू आ तखन बैसल न्हु किछु देर बाद गौरीशंकर जी आ फेर परमानद बाबु - मीटिंग भेल मुदा आयोजक क कोनो रोल नहीं(साँझ जकां )- काज आगाँ होयत से विस्तृत चर्चा
अनेक साल स ओतय जाइत छी कहियो मीटिंग सेहो भेल ३०.४.२००७ क आ २५.७.२००७ क (मुदा २३.५.२०१० क एहिना बिना बैसारक लौटल छलान्हू-अद्यक्ष के सूचना बाबजूद)
कहियो१९९४ क नचारिलाजी क अध्यक्षतामे नीक बैओसर भेल छल आ इम्हर २७.११.२०११ क सांप्रदायिक हिंसा विरोधी विधेयक पर बहुचर्चित भाषण मुदा जय कान्त झा के नहीं कहने गलती भेल से गौरीकंत्जी आ परमानन्द बाबू कहलाह आ अगां क योजना बनल-
ट्रेन में गर्मी में प्रतीक्षा २२० हेबाक गाडी खुजल - मुक्तापुर क रुक्तापुर में बहुत पियौज, लहसून लोड केलक आ ३९ किलोमीटर क यात्रा करीब २.५ घंटा में ककडी खाईत - दरभंगा स्टेशन स टेम्पू स विदा राजक चाहरदीवारी टूटल देखि रुकी, फानी नरगौना सामने मनोकामना मंदिर
समय पर एक फसबूकिया सक्रीय आयल छलाह आ किछु लोक क्रमशः फसबूकिया गेलाह टुसन पर मुदा जेना बात भेल लौटलाह नहीं (नहिये दोसर दिन राजनाथ बाबू लग गेलाह प्रेस रिलीज़ लेल )- अनेक दर्ज़न युवा भाषण सूनलाह डॉ बूच्रू पासवान क क सेहो आ राजनाथजी क जे इच्छुक भेलाह जे आगाँ काज करब हुनक नाम मोबाइल नोट भेल- पुरान कोनो कार्यकता अ पदाधिकारी ( तीन गोटे के सूचना छल) नहीं अयलाह- हुनका सब लेल धन सन्न हम अबय छि व जाई छी
लेकिन काज होयत एकर आशा बंधल
सांझ में एक नोट किनको उक्ति पर लिखल जे फेस बुक स आन्दोलन नहीं होइत छैक- समय जनता में देबाक किछु चाही- एक प्रतिवाद आयल जे किछुओ किरीट छथि- लिखलियेन्ही एही स आन्दोलन के मखुअल होइत अछि कथनी आ करनी में अंतर बहुत नीक नहीं- ई नहीं जे महीना व हप्तामे कियो घंटा दू घंटा समय नहींलगा सकैत अछि संपर्क लेल
कार्यकर्ताक मतलब मजदूर नहीं होइत छैक
नहिये नेता बनेबाक काज हमसब karati छि
नेता बनब ककरा अधलाह लागैत अछि- दर्जनों के भाव स मैथिल नेता मंच पर लंबा भाषण डेम बला छथि मुदा कार्यकर्ता के बनत से आवश्यक ई मैनेजमेंट क लीडर आ मेनेजर क शब्दावली नहीं छैक...
मिथिला बनतैक से लागल मनोकामना मंदिर में - ई मनोकामना पूरा होयत मुदा ककरा बल पर?
समाचार समस्तीपुर में दल्सिघ सराय क्छापल मुदा काज हो अधिक से आवश्यक- शंकरजी अइयो फ़ोन केलाह ओहन कार्य क र्ता चाही - चिंता करयबला मिथिला मैथिलिक
नाच गान में लागल गजल कविता कहानी लिखनिहार राजसिक वृत्ति वाला केराज्य भेटला पर राजरोग लग्तैन्ही ओहि स मिथिला निर्माण क कल्पना नहीं रहत ओहें मिथिला जाकर चर्चा एक Gopalganjk छात्र केलक जे मिथिला भारतक संस्कृति आत्मा अछि
ककरौल क एक बजलाह जे गाम स्तर पर काज हो नाहीये नेता बनेबाक काज हमसब कराती छि
नेता बनब ककरा अधलाह लागैत अछि- दर्जनों के भाव स मैथिल नेता मंच पर लंबा भाषण दी बला छथि मुदा कर्य्ल्कार्त्ता के बनत से आवश्यक ई मैनेजमेंट क लीडर आ मेनेजर क शब्दावली नहीं छैक...
मिथिला बनतैक से लागल मनोकामना मंदिर में - ई मनोकामना पूरा होयत मुदा ककरा बल पर?
समाचार समस्तिपुर्मे दल्सिंग्सरै क्छापल मुदा काज हो अधिक से आवश्यक- शंकरजी अइयो फ़ोन केलाह ओहन कर्कर्ता चाही - चिंता करयबला मिथिला मैथिलिक नाच गान में लागल गजल कविता कहानी लिखनिहार राजसिक वृत्ति वाला के रह भेटला पर राजरोग लग्तैन्ही ओही स मिथिला निर्माण क कलपना नहीं रहत ओहें मिथिला जाकर चर्चा एक गोपल्गंज्क छत्र केलक जे मिथिला तो भारतक संस्कृति आत्मा अछि
कक्रौल्क एक बजलाह जे गाम स्टार पर काज हो
हसन चक क एक २३ जून क अपन महल्ला में मीटिंग राखत ओकरा prashn छालकिक मुस्क्लिम कोना जुत्तातह एही स(एक मुस्लिम खून नीक जकां सुन्लाह) राजनाथ बाबू कहलखिन मैथी ली में आई हनुमान चालीसा छापित छि टी कलही bible कोरन सेहो छपत.. एक छात्र जाने चहलक के कवक भसा लेल मिथिला बनय ओ विरोधी - समझि गेलाह कारण तुरंत
बूचरू जी मिथिलाक उद्योग के जर्जर हेबाक बात kelaah
हम आई आई टी आदि क बात उठावल आ अनेक बात बिना मइके के बजे में गला बझी गेल अछि-
डॉ रबिन्द्र झा , दिल्ली के नीक लग्लैन्ही एहेन मीटिंग आ ई ओतहि नहीं हर विश्ववद्यालय क्षेत्रं में प्रत्यक्ष हेबाक चाही से आवश्यक अछि
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