Tuesday, May 15, 2012

अनावधानमे गांडवीश्वर स्थानमे भेल कार्यक्रम

अनावधानमे गांडवीश्वर स्थानमे भेल कार्यक्रम
गांडवीश्वर स्थानमे आई २९म मैथिली कार्यकर्त्ता प्रशिक्षण शिविर संपन्न भेल जाहिमे अध्यक्ष डॉ कमलकांत झा द्वारा २७ प्रथम वर्ष आ २ द्वितीय वर्षक प्रतिभागीके प्रमाणपत्र देल गेलैन्हि हम प्रथम दू दिन छलन्हू आ एहि तीर्थक स्वर्गिक आनद लयक गर्मीमें लौटल छि ई एक संयोग छैक जे ई वर्ग ओतय भय गेल जाकर इतिहास मिथिला दर्पणक एक अंकमे हमर वेब पर लिखल मिथिला सर्किट लेख अछि जाहिस सामग्री लयक अनेक फोटो जोड़ी संपादक हमरा नामे छापि देलन्हि हमरही सामग्रीके ओहि बहुचर्चित लेखमे हम गांडवीश्वरस्थानक नाम लिखने जरूर छालन्हू मुदा हमरा काल्हि चकौती गामक एक मैथिलस मालूम भेल जे हम २६ मई १९९४क लखनपुरस चकौती अयबाक मार्गमे गंगेश्वरस्थान होइत रातिमे गेल छलहूँ गांडवीश्वरस्थान नहि जकर भान हमरा गांडवीश्वरस्थानमे पूछला पर जे चकौती कतेक दूरस भेल छल जखन ओतय सब कहलाह जे इम्हर ओ गाम नहि अछि संयोग ओतबे नहि . मिथिला दर्शनक ओहि अंकमे हमर मोबाइल नंबर छपल छल जे देखि ओतुक्का पंडित शम्भुनाथ झा २९.७.२०१ क बात केलैन्ही जे एक बेर आऊ हम कहलीयेन्ही एक कैम्प कराऊ तखन ओ दुर्गापूजाक बाद लेल तैयार भेलाह हुनक नुम्बर हम डायरीमे ८८०९८८००६२३ लिखी लेलंहू आ बादमे करय काल मालूम भेल जे ११ अंक भय गेल - बहुत जोड़ घटाव केलन्हू मुदा नम्बर नहीं लागल (८८०९८००६२३) जनवरी ४, २०१२क एक पोस्टकार्ड लिखि पुजारी गांडवीश्वरस्थान नामे भाया बेनीपट्टी खसावल मुदा ओकर जबाब नहि भेटल अकस्मात् ४ मई २०१२क एक आदित्यनाथ मिश्रक फेसबूक पर फोटो गांडवीश्वरस्थानक देखल आ पूछि देल जे गांडवीश्वरस्थानक कोनो मोबाइल नंबर हो त लिखी आ ओ लिखलाह गाममे छि ओतय जायब तखन लिखब आ ५ मईक हुनक एस एम् एस आयल पंडितजीक नंबर बात केलंहू दोसर पंडितजी छलाह त्रिलोकजी मुदा कैम्प लेल तुरंत तैयार १२ मईक उदघाटन आ १५ मईक समापनक बात भेल सब विषयवस्तु बतावल फेर अध्यक्षके फ़ोन जे ओ १४-१५ रहथि ओ कहलाह ई ताराबाबुक गाम अछि ताराबाबुक अनुज अयोध्याजीस बात भेल ओ अनेक नंबर देलाह आ सबस बात भेल ओहि फेसबुक बालक आदित्यस फेर बात नहि भेल ( आ बजौला पर १३ क ओ जरूर अयलाह हमर लौटबाक समयमे मुदा कैम्प मे भाग नहीं लेलाह जखन की हुनका चलते जे ओ ३ जून तक गाम छथि हम गर्मी रहितन्हू तुरंत कैम्प रखने छलहूँ फेसबुकस संगठन नहीं बनैत छैक ई हम बेर बेर कहैत छि लिखैत छि फेसबुकक चलते प्रचार आ संपर्क जरूर होइत छैक ई वर्ग जरूर भय गेल ओकर अनुसार मुदा अनेक कार्यकर्ता बनितहूँ फेसबुकबला शिविरमे शिक्षित नहीं भेल हम कहलियैक जे अहाँक चलते शिबिर भेल मुदा धन्यवाद ज्ञापनमे नाम छूटि गेल तखन ओ अयलाह जरूर शिबिर काफी नीक स्तरक भेल पहिल आ दोसर दिन श्री अशोक चौधरी आ श्री अयोध्यानाथ झा मुख्य अतिथिक रूपमे अयलाह , दूनू श्रेष्ठ व्यक्ति संत कुमार चौधरी, जयपुर आ पंडित ताराकांत झाक अनुज मुदा अपना आपमे श्रेष्ठ व्यक्तित्व मधुपुरमे मैथिलक बैसार अलग भेल आ हमरा संगमे यात्रा करैत घनश्यामजी कतबो कहला पर आरक्षणक पाई नहि लेलाह ओ कोल्कतास आरक्षण करबा लेलाह आ अपन बोलेरोस मधुबनीस बेनीपट्टी लयक गेलाह बेनीपट्टी गाममे सेहो एक पोखरी कातमे भगवतीक मूर्ति देखल आ एक छोट बैसारमे जनकपुरधाममे भेल शहीद लेल मौन राखल गेल झंझारपुरस युवा साहित्यकार आनंद आबि गेल छलथि- एही रास्ता पर हम १९९४ मे साइकिल बसैठ तक चलने छलन्हू सीतामढ़ी तक ओही मार्ग पर मिथिला आन्दोलन विषयक कार्य करब आवश्यक अछि भूख लागल छल बसैठ चौक पर भुजा खरीद के अनलाह जाहिमे काँच मिरचाई छल जे आब हम ई बुझी खाय लगास्लान्हू अच्छी जे एहिमे antioxident रहैत छैक आ एक शोधक मुताबिक़ गैस्ट्रिक श्रावके कम करैत अछि सीतामढ़ीक बसस गांडवीश्वरस्थानक मोड़ पर गेलहुं मुंहमे बहुत जोरस मिरचाई लागल जतय राजकुमारी ताराकांत आइ टी आई प्रस्तावित अछि ओकर अगिला मोड़ पर मंदिरक लेल उतरल हूँ भयंकर रौदमे झुल्सित मकई भुजा खेत मिर्चाइक जलन के कम करैत स्थान पर अयलान्हू आ लोकक स्वागत देखि सब किछु बिसरी गेलंहु प्रसाद क नाम पर भोज न अतिस्वादु भेल आ फेर बडक गाछ नीचा बैसार आ फेर वर्ग प्रारंभ जय जय भैरवीस - मिथिला राज्यक माहौल भय गेल अशोक चौधरीजी काफी नीक बजलाह अनेक गणमान्य व्यक्ति अगल बगलक गामस फेर दोसर सत्रमे हमर स्वास्थ्यक ऊपर भाषण आ अंतमे गीता पर प्रवचन(अपन मैथिलीगीताक आधार पर) लोक जमिके सुनैत रहलाह से बादमे आनंद बजलाह नीक छल अयोध्याजी फोन केलन्ही कोना की रहल पैखाना लेल खेतमे बहुत दिन बाद गेलंहु जे आब यदा कदा एहेन कैम्प वा गाममे होइत अछि रातिमें फेर प्रसाद आ यज्ञमंडपमे शयन - मछरदानी छल राति सोलर लैम्प जरैत आ ऊपर आकाशमे अर्धचंद्रक मनोहारी छटा लग्घी लेल उठी काफी नीक लागल चांदनी देखि राती सोलर लंप जरित आ ऊपर आकाश में अर्धचंद्र क मनोहारी छाता लग्घी लेल उठी काफी नीक लागी चांदनी देखि गर्मीक राति मनोहारी होइत छैक भोर चारिस मदिरमे बोल बम.. आ तैयार भेलन्हू संध्या, तर्पण, पञ्चदेवता पूजाक बाद अर्गला आदि पाठक बाद मंदिरमे प्रवेश जतय कहियो अर्जुन अपन गांडीव रखने छलाह वा पाशुपतास्त्र पौने छलाह ओहि भोलेनाथस गांडवीश्वरक बारेमे एक कहलाह जे कोनो दू भाईमे एक दोसरके निःसंतानी कही मजाक केलक - ओ बाबाधाम गेल ओतय बाबा कहलखिनह जो अपना गाम ओतय हमर भाईक रूप अछि गांडवीश्वरक ओ ओकर पूजा केलाह आ बुढ़ारीमे विवाह भेलैन्ही आ सात बेटा जिनक सात टोल शिवनगर आदि मुदा ओहि पहिल भाईक संतान नाम पर एक छोट घरमे कहल जैत छैक जे गौरीशंकरक दोसर लिंगमे तीन मणि देखएत अछि झरोखा बंद केलन्हू पर आ जखन ओहि नीचा गढ़ामे लिंगमे पानि आबि जायत छैक गामक लोक नून तेल जमा कयक बाढी लेल तैयार भय जाइत छथि (एहने कथा गंगेश्वर लेल सेहो चकौती बला बतौलाह गांडवीश्वरक जकाँ ओतहु कथा छैक जे किनको वृद्ध अवस्थामे संतान भेलैन्ही बाबाधाम क आदेश पर ओही शिवलिंगक पूजास ) लगैत अछि हमर भूल प्रमादवश हो तथ्यमे दूनू बाबा एकंही छथि खूब फोटो डिगिटल कैमरास लेलंहू आ फेर सत्र प्रारंभ कार्यकर्म कोना करी आ सामाजिक समरसता पर अयोध्याजी अयलाह आ ओ बजलाह कोना १९७१मे पटना इंजीनियरिंग कोलेजमे मैथिलीक पढौनी करौलाह आ कोना निखिल मैथिलीभाषी छात्र संघक कार्य अनेक वर्ष तक भेल- कोना पहिल प्रदर्शन मैथिली लेल पटनामे आन कोना काज .. कोना १९८१स जानकी नवमीक गाममे आयोजन पटनाक विद्यापति पर्व देखि मुदा हुनका सेहो मैथिली काज लेल प्रेरणा देबबला एक शिक्षक विद्यालयमे महेश्वर पाण्डेय, एक भूमिहार (हमरा सेहो मैथिली काजस एक भूमिहार राम इकबाल सिंह विनीत जोरलाह १९९२ में) नीक भोजनक बाद हुनक घर जेबाक बात कहल - हुनक भतीजी हमर भौजी.. गाममे हुनक मकनक रास्ता मे देखल बिभूति आनंदक मकान जिनक सासूस हाल में परिचय भेल अछि आ १२ मईक बात केने छालान्हू जे अन्हांक समधियानीमे छि ताराबाबु गाममे अस्पताल सेहो बनाउने छथि आ एक एक रोड पीच वा आर सी सी के अयोध्याजी बंद घरक ताला खोलावलाह आ कहलाह जे ओ बेनीपट्टी केन्द्रित काज करैत रहलाह किछु देर रहि फेर एक कार्यकर्ता छोडलक रोड पर टेम्पोस चंदौना ओतय दरभंगाक टिकट भेटल गर्मी काफी एक छोट किछु मॉस क बच्चाके हँसैत देखि साहस भेल ट्रेनमे एक फैसनेबुल युवा महिला के अपन पतिस हिन्दी\मे बात करैत देखल यद्यपि उम्हर लोक मुख्यतः मैथिली बजैत अछि जोगिअरामे नहि भेटल एक सहयात्रीक कथनानुसार कमतौलमे रांचीक सीधा टिकट भेटी गेल आ दरभंगा में कोल्कता एक्सप्रेस ठाढ़ बहिनीक घर नहीं जा सकलहूँ सुविधास यात्रा भेल समस्तीपुर- बरौनी आ फेर सिमरियामे गंगा माइक कोरामे एक महिला के देखि बुझल जे ओ हिन्दू छथि हमहूँ हाथ पाकिटमे देल पांचक सिक्का आयल लागल बेशी अछि छोट सिक्का परन्तु फेर लागल जे आयल सैह धर्मभीरु जकाँ आ फेकल पूरा भारत मे हम सिक्का फेकने देखाल्नु अछि रेलवे पोर्टरक परिक्षा दयक लौटेत जमुइक एक गामक बासी मुदा देवघरमे रहैत एक लड़काके कहल -“ लक्ष्य ऊँच राखय सब परिक्षामे नहि बैसय अपन योग्यताक अनुसार लक्ष्य बनाबय “ ओकर पिता छल दारोगा ओकरा पोलिसमे नीक आदमी दरोगा पद पर हो तैयो बदनाम मुदा पोलिस कोना सुधारत अपनाके भागलपुर सेहो परिक्षा केंद्र डर भीड़स मुदा ओतेक नहि देखल किउल में अचानक गाडी रुकल कियो वैकम केने छल वनांचल बगल में छल उतरि गेलंहु जगह नहीं भेटल ठाढ़े-ठाढ़ एशिया अन फूट पढैत रह्लन्हू किछु दूर बाद बैसयके आ जसीडीहमे एकसीटा ओहि पर पढैत किताबमें सिंगापूर, मलयसिया आदिक बारेमे कलम दोसर स लेल संशोधन लेल अपन छुटी गेल छल पोथी ख़त्म भेल एकसीटा पर सुतैत भुजा बसैठक बांचल आ फेर खरीदल चुरा खायल मिरचाई सेहो बांचल छल चित्तरंजन पानि पीअल आ फेर धनबाद बोकारो पता नहि कखन गेल भोर रांची दोसर वनाचलस हतिआ आ सडक पर एक मैथिल शिक्षक कारस डेरा ई भय गेल हमर १२२ म मिथिला जागरण यात्रा कमलाकांत जी काल्हि गेलाह वर्गमे आ नीक दूनू दिन सत्र आप्रमाण पत्र वितरणमे फेर अशोक चौधरीजी आयल छलाह - कहू कोना भय गेल ई कार्यक्रम अनावधानमे

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