Tuesday, May 1, 2012
दोहरा संयोग भेंटक आ धनबाद में जानकी नवमी bhay गेल पंडित गुणानंद झा द्वारा
दोहरा संयोग भेंटक आ धनबाद में जानकी नवमी bhay गेल पंडित गुणानंद झा द्वारा
२७ अप्रैल २०१२ क चित्तरंजन स्टेशन पर बैसल भोजन रात्रिक के रहल छलन्हू - जयनगर लेल ट्रेन पकडक छल
बगल में एक दोती कुर्ता टीक तिलक बाला
मैथिल छथि के इ छपरा क ट्रेन लेतः/
ओ बगल में बैसल एक वृद्धा स बात कराय लगलाह जे पर्जुआरिक
मों भेल अपन परिचय दी जे हमर काकी ओतुक्का
मुदा चली गेलीह एक कियो परिचित क संग मुदा हुनक हुनका जमाना क सस्ती आ एखुनका रुपयाक अवमूल्यन याद रहत
भोज्नोपर्रांत हम पंडित जी स पूछल गम?
नवकढी i
एकाध नाम लेल संजीव के नहीं चिनाहित मुदा अतरौल्किक मिथिलेश जी के चिन्हित
क्लागल मिथिला एक्सप्रेस पक्लाडी दूनू गोटे दौरलान्हू
मुदा मिलिटरी बाला बोगी नहीं खोललक
बैसी के मैथिलि-मिथिलाक कागजात आ माता जानकी क चित्र देल जे लौट के धनसार मंदिर में जानकी नवमी क माना ली आ अध्यक्ष धीरेन्द्र झा आ मिथिलेश जी स बात करावल
गंगासागर आयल आ आराम स यात्रा भेल
जसीडीह में एक मैथिलक जिद्दा जे हम धोतीक पालथी मोडी ली पर नहीं तैयार भेलंहू - सामने ६ आ एही पर ४ हम सब पहिनहि स छलन्हू आ हमरा लेल सामने बाला कस्ट सब कस्म्कस्मे जैत मुदा ओही मैथिल के शरीर सेहो दोहरा फ्रेम क बैसेबाक मतलब राति भरिक कास्ट
ताहू पर हुनक अधिकार युक्त बोली?
सामने गेलाह अपन सामान पर बैसलाह नीचा मुदा दरभंगा उतरे तक कोसैत रहलाह हमरा
अनो हुनका अन कथु ककरो पर दबी नहीं
हम मुस्कुराईट रह्लान्हू- गीतक इछु अध्याय देखैत परहित
दरभंगा में पंडित जी गेलाह
सियालदह स सीट अनाय्बाला बालक सब खुश छल जे हम हुनका बैसे नहीं देल
ओहो सन मधुबनी उतरलाह
हम जयनगर आ वापसी अआरक्षण लेल लाइन में - बिना लाइन के टिकट बला पर बिगर्लान्हू फोटो लेल जे अफ आई आर के देब तखन १०३० बजे तक टिकट भेल
पद्मा क कंप के सिबिपत्ति- बलहा - मधुबनी में ट्रेन
टिकट कन्फर्म नहीं भेल
टी टी ई क सीट ७ पर बैसलान्हू
गाडी दरभंगा में पूरा भरी गेल एक yuvak आबी कहलक हटी जाई
लागल कोना सीट भेटलिक ओकरा
तैयो , कोनो बात नहीं हटी जायब
ताबत ओ पंडित गुनानद जी के ले क आबी गेल
लिय की संयोग
ओकरा ओ बतावल ई छथि डॉ ठाकुर उम्हर बगल क सीअत बाला अपन संग एक वृध्हके हमर परिचय देलाठी आ कहल जे चुटिया बैसर में छलथि (२०.१.२००८ क)
टी टी आयल - जाइए हम सोयेंगे
हमर टिकटदेखि कहलक दुसरे टी टी को पैसा देकर बात करें
पछा गेलंहु अंततः पचास टाका देल बरेथ लेल
लौटेत छी टी पंडित जी नहीं
अपन बैग ले बतावल बोगीमे
नीक लागल जे हमर एतेक मेहनत क बाद चलल (आ बहुत आन मैथिल क मेहनत बाद में सेहो० ट्रेन भरल achhi कहियो सोचैत रहित छलन्हू कोना भरतैक जहिया पहिल बेर विशेष ट्रेन वेट लिस्ट भेल्क छलैक ममता के फाक्स केने छलियैक कम्प्प्यूटर पर स निकाली
भोर भेल सिमरिया में दुपहर में रांची
जानकी नवमी भेल
आई पूछाल गुणनद जी स
कहलाह हमरा एस वन में पठा देलक आ काल्हि जानकी नवमी धनबाद में मनी गेल - की ई संयोग नहीं
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