Monday, April 23, 2012

हमर पतरातू यात्रा २२.४. २०१२ क भेल आ अंतर्राष्ट्रीय मैथिलि परिषद् क नीक इकाई बनलई एक संयोग छल.-

हमर पतरातू यात्रा २२.४. २०१२ क भेल आ अंतर्राष्ट्रीय मैथिलि परिषद् क नीक इकाई बनल- ई एक संयोग छल. हमरा २२.४ क प्रवीण धबाद समय लेने छल मुदा एम्हर कोनो संपर्क नहीं टी हम बात दोसर थाम लेल केल्न्हू केवल दोसर आ चारिम रवि हमरा ऑफ रहित अच्छी - कोनो पिघ अस्पताल क मेदिसिने क विभाग ध्यक्ष क जिम्मेवारी रवि क समाप्त नहीं होइत छैक आ हम अपन कनीय २ ऍम डी के ऊपर अपन आधा छुट्टी क दिन डे उपयोग करैत छी गर्मी रांची में बहार क अपेक्षा कम छैक मुदा कठु जेबाक छल पहिने सोचालन्हू कोलकाता जाई अशोक झाजी क संग मिह्तिला रात भ्रमण कार्यक्रम लेल बात करय मुदा अशोक झा मैसूर जाईबला छलथि बोकारो तय भेल नगीना गुप्ताजी द्वारा मुदा २१ क मालूम भेल ओ सांझ में व्यस्त रहताह आ ओही दिन ओत दोसर संस्थाक कार्यक्रम छैक- बिना बाजूने पाहून भाई गेनाई सेहो गलत आ ओही दिन मैथिली मीटिंग हम करी सेहो गलत - रद्द केलान्हू मुरी- अनिल जी कहलाह २२ तक कोपी जनचेत छी फेर आगन पुस्तकालय में बिन्देश्वर जी संगे बैसल छाल्न्हू डाल्टेनगंज ध्यान आयल मुदा ओतय आजीवन सदस्य कहलाह लोक गाम दिशी बेशी छथि - ओहो रद्द रामगढ? मुदा कमलाकर क फ़ोन लगबे नहीं कयल ? बिन्देश्वर जी बजलाह-पतरातू कंप्यूटर में ओतुक्का संपर्क क्लिक केलंहू- पहिल नाम तेज नारायण झाक पत्नी उठौल्खिन झा जी कटे छथि ? छथि नहि छथि कखन ओताह? अआब नहीं ओतः- कियक? ओ दू वर्ष पहिने स्वर्ग गेल्लाह ओह संवेदना फेर बालक डी पूछल गुड्डू अछि? संवेदना फेर कहल प्रयोजन जे आब अन्हीके काज करक अछि लेकिन हम पतरातू नहीं गाम में छि गम्म कट / लखनपुर ब्रह्मपुर- लखनपुर भरवाडा लग - गोनू गाम लग हँ हम अपन सइकल यात्रा में ९४-९५ में अनाहक गाम गेल छि -ओतय किनको जे डॉ जगन्नाथ मिश्र क पी अ छलखिन्ह के ग्फ्हर में जनेऊ छलन्हि भओजन्हू खेने छि हम्रन्ही जनेऊ में . तारिख बतबैत छठी निकलैत अछि हम ताबत अपन जागरण यात्रा पोथी में सर्च करैत छी लखनपुर आ निकलैत अछि २६. ५. १९९४ क आ हुनक गलत तर्रीख के ठीक के कहित छि अहिआरी -गौतम कुण्ड -रतनपुर -ब्रह्मपुर -कटका -कलीगांव -भरवाडा -सनाह्पुर -लखनपुर -कछुआ -चकौती में रात्रि विश्राम भेल छल uhd dktd f[k/kkal] lg;ksxh cuw HkM+ckjkl¡ izLFkkud ckn cxyd xke y[kuiqj igq¡¡apygq¡¡a r¡ vksr, i;kZIr la[;kes yksd tek Nykg] ;Kksiohr laLdkjd ØeesA ,r, yksd eSfFkyhd uke ij fdNq cslh tkx:d cq>,ykgA eqnk vksfges ,d Js"B dk;ZdÙkkZ vko’;drkl¡ vf/kd tkx:d NyfFkA gej ifjp; lqfurfg irjkrwes dk;Zjr ,d eSfFkyh dk;ZdrkZ ctykg ts jk¡phd izFke vUrjjk"fVª; eSfFkyh lEesyues vgk¡ lc xqM+&xkscj d, nsygq¡aA vksr, ,dfg O;fDr ctSr jgykgA r[ku ge mifLFkr lektds¡ vksfg lEesyud lEiw.kZ o`rkUr vk;&O;; ,oa oDrk yksdfud lwph lfgr crkSfyvfUgA ge bgks dgfyvfUg ts oDrk yksdfud oDrO;d Vsi] ohfM;ks vk vkWfM;ks lsgks miyC/k vfN] ls ts dsvks ns[k, pkgfFk] nsf[k fu.kZ; d, ldSr NfFk ts fgud vkjksi drsd lk/kkj NfUgA r[ku fnYyhd eSfFkyh laxBud ,d ofj"B dk;ZdÙkkZ iz’u d,yfUg ts fdudk dgykl¡ lEesyu ctkvksy xsyA dksuk lapkfyr gksbr vfN] ds vè;{k] ds ea=h NfFk] [kkrk ddjk ukes NSd] vUrjjkf"Vª; eSfFkyh ifj"kn jftLVMZ vfN ok ufg vkfn] vkfnA ge ,fg lEcU/kes lsgks vkfnl¡ vUr /kfj lcVk ckr crk nsfyvfUgA ,fg rjgs¡ fd rdj ckn dksuks iz’u ufg mBokd pkgSr NyA eqnk t¡ dsvks fojks/kd ysy fojks/kd ekufldrk cuk ysus gksfFk r¡ ,gu O;fDrds¡ lUrq"V djc dksuks O;fDrd ysy lEHko ufg Hk, ldSr vfNA vfHkizk; bZ fd lUrq"V djckd ;ksX; gej leLr mÙkj ok Li"Vhdj.kd ckngq¡¡a vks Js"B dk;ZdrkZ vlUrq"V jgyfFkA yxSr vfN eSfFkyh laxBud iqjku dk;ZdÙkkZ lces fdNqds¡ uhd ufg yxyfUg ts gqudk yksdfud vNSr dsvks fd,sd vUrjjkf"Vª; lEesyu ctkSydA ekrk eSfFkyh ij gqud leLr lUrkud vf/kdkj NfUg vk dÙkZO; gqud lsok djd NfUg] dksuks tkfr] oxZ ok laxBud ,dkf/kdkj ufg] ds jksdus NyfUg fdudks vUrjkf"Vª; lEesyu ct,ckl¡ ok ,[kugq dsvks pkgfFk r¡ vxzlj Hk, ldSr NfFk] vkxk¡d dk;ZØed ysyA iwoZes ek= vUrjjkf"Vª; ukV~; lEesyu gksbr jgy ts iz”kaluh;] eqnk fefFkykd fodkld ysy lektds¡ laxfBr djc ,oa gqudkes uo psruk txk,c lEHkor% vf/kd vko’;d vfNA ukVddkj yksdfu lsgks fodklewyd izn”kZu djfFk] ,fg ysy ukVdd ys[kdo`Un /;ku nsfFk] ls fopkj vizSy 1994es dydÙkkd ^fefFk ;kf=d* dyk iz/kku laxBud ofj"B eSfFkyhlsoh n;kukFk >k nsus NykgA vks ek= bZ lwpuk nsc, ysy jk¡ph vk,y NyfFk ts fo”ks’k ifjfLFkfro”k vks vUrjjkf"Vª; lEesyues Hkkx ufg y, ldykgA fefFkyk&eSfFkyhd fgres ,d fnu dsvks dydÙkkl¡ jk¡ph vkcfFk] vesfjdkd eSfFky dk;Zd izxfr tku, ysy izR;sd ekl lEidZ djfFk] gSnjkcknd eSfFky lekt v|ru tkudkjhd bPNqd gksfFk] vk nkslj fnl lqnwj xkees fdudks njcTtk ij dsvks tkxj.k vfHk;kud Øees igq¡¡ap, r¡ dksuks vfrofj"B O;fDr Jki nsfFk ^vgk¡d dkt lQy ufg gks,r*A bZ ekufldrk fefFkykd fo’oizfl) laL—frd loZFkk fo:) vfNA fdNq ,gus lu vuqHko dfyxkaod ,d izcq) jk¡phoklh O;fDrl¡ fdNq fnu ifgus HksVy NyA gqud dFku NyfUg ^vgk¡ ,rsd DokfyQkbM Hk, lkbfdy ;k=k d,ygq¡¡a rkfgl¡ dh\ ge dgfyvfUg& ^ge vgk¡d xke xsygq¡ eqnk uhd yfxr, t¡ vgk¡l¡ bZ lquckes vcSr ts ^ge vgk¡d xke lekSy eSfFkyhd dk;Zl¡ xsy Nygq¡¡aA* vfHkizk; bZ ts ik’pkR; Hkk"kk] laLd`fr ,oa fo—r f”k{kk i)frd izHkkol¡ fefFkykes lsgks fefFkyk fojks/kh vkRe?kkrh laL—frd fodkl gkse; ykxy vfNA 1993es ,d O;fDr fgUnqLrkues fy[kus Nykg] ts eSfFky nksljds¡ uhd dkt djSr nsf[k] vks gqud dktes lg;ksxh cuckd LoLFk ekufldrk ufg j[krkgA t¡ dsvks l, vked xkN yxkvksr r¡ nkslj&nw l, xkN yxkcd ckr ufg lksfp vksfges fdNqds¡ dkfV nscd ps"Vk djrkgA ,fg izdkjd ekufldrk fefFkysVk ufg] lEiw.kZ ns”k ok dgh fd lEiw.kZ ekuo lektd ysy ?kkrd vfNA y[kuiqjes ?kjcS;k cgqr vxzg d,yfFk ts ^dqeje* vfN] ,rfg jfg foJke djh] eqnk ge {kek ekafx ysygq¡¡aA bZ lksfp ts dNqvkes fu/kkZfjr jkf= foJkees egRoiw.kZ vksrqDdk cSlkj vfNA <+fj;k tdk¡ yksd izrh{kkes us gksfFkA y[kuiqjd la;kstd HkkxhjFk >k cuyfFkA vUgfj;k NyA ,d xzkeh.k gejk xk.Ms’oj LFkkud lM+d idM+kc, ysy xkel¡ ckgj /kfj lax nsyfUgA vks dgyfFk ts vgk¡ O;FkZ fooknes iM+ygq¡¡a] bZ r¡ ,d iS?k iSjohd LFkku Ny vgk¡d ysyA gejk g¡lh vkfc xsy] vksfg xzkeh.kd lgtrk ijA gej ,d ckr ij vks iqu% dgyfFk ts vgk¡ t¡ xkM+hl¡ vfcrgq¡¡a r¡ vgk¡ds ¡ fo”ks’k egRo HksfVr,A eqnk ewY;kadud bZ ekin.M loZFkk Hkzked vfNA lektes ,d dk;ZdÙkkZds¡ lektd lkekU; vkneh tdk¡ dkt djd pkfg,sd vk r[kufg] dksuks lkekftd mís’;d flf) lEHko Hk, ldSr vfNA vkMEcjd jkLrk cgqr fnu /kfj dkt ufg nSr vfN vk vks y{; /kfj ufg igq¡¡apk ikvksrA आई ओ गुड्डू मुंबई में काज करैत अछि गुड्डू अन्हा अपन इ मेल आई डी दिय हमर मिथिलाप्रेमी में जोड़ी देब- ओतहु पता फ़ोन नेरूल क आ बहुर रास बात अपन मुंबई जज अस्पताल्क काज आ छोट भाई क डेरा पनवेल में आ दी आब बात पर आऊ- हमारा पतरातू क कोंजो नुम्बर५ दिया हम कलही जायब ओतय नम्बर देत छठी नरेन्द्र झा क औरो कोनो दिय कन्ही नरेन्द्रजी नहीं होथि नहि ओ छथि ( हुनक इ मेल ग्रुप में जोदैत छे - ओ पहिनाही स छथि- फ़ोन के बतबैत छियेन्ही हाँ पहिनाही स छल मुदा एम्हर नहीं देखल अछि) पतरातू फ़ोन नरेन्द्रजी क बालक उठबैत छथि- दीपक जे युवा advocate छथि कहित छठी पिताजी ओताह बात करा देब हमारा युवकन्ही के काज अछि- हम व्यस्त छे गाम? सुपौल. बात हम्न्हू फारबिसगंज क छि हमरा डॉ. बी अन दास गुप्ता हमर दरभंगा में गुरू डटने छलथि १९८१ में जे डॉ सी पी ठाकुर बहुत व्यस्त है कहला पर तुम फालतू जिसके पास समय है लेकर क्या करेगा? हम पह्लेज़ा पार कयल फेर पटना गेलंहु आ हुनका अपन पत्रिका में सलाहकार बनाओल - आई ओ मत्री भेलाह आ की नहीं मुदा १९८० में संघ क कोनो मंच पर सबस पहिने हम ही हुनका अनने छलन्हू ताबत हमरा मित्र डॉ सूर्यमणि सिंह , उपाध्यक्ष ,झारखण्ड बीजेपी अबैत छथि आ मेडिकल सलाह आ ढेर बात करिया मुंडा, वनवासी कल्याण, आ अपन कविता, कहानी आदि पर.. घंटा बाद गेलाह याद भेल पतरातू फेर फ़ोन आब नरेन्द्र बाबू छलथि आ नीक बात आऊ स्वागत अपन परिचित क नाम बतावल जिन्दल्क तीम्मे सुपौल गेल छलन्हू कोशी त्रासदी में २००८ में जिंदल में सेहो संपर्क के मैह्तिल के बजाबी आ फेर सांझ में अपन दोसर नंबर - देर बाद अपन दोसर नंबर देलथि साँझ में सुन्दरकाण्ड क साप्ताहिक पाठ में फेर काज आ डेरा संतोष २२ क समय क उपयोग होयत फेसबुक क कटौझ स दूर कार्यकर्ता क बीच रहब पतरातू क नैसर्गिक छटा देखब २२ क भोर में फेर फोन ४ बजे स रुस्सियन हॉस्टल में मीटिंग अछि भोजन एतही करब नहीं डेरा में बनैत अछि रतुक्का करब हम शाकाहारी छी हमहू सैह दूरदर्शन पर नेत्ररोग पर कार्यक्रम देखल- उपनिषद गंगा क समय बिजली गायब तैयार भय निकल्लान्हू रातू रोड- चांदनी चौक- एक बस लागल दोसर सीट पर बैग राखल आ टिकट लेल पीची बैठी ये मेरा पैसा वापस दो पिछले बस से आउंगा आब सीट वैह देत अछि मेरा रूमाल कंहा? मुझे पता नहीं ताबत एक वृद्ध लाल ठोप केने अबैत छथि बगलक सीट पर हुनके रूमाल छलन्हि लागल मैथिल छथि मैथिली में पूछल कतेक देर में बस पन्हुच्तैक येह डेढ़ घंटा लिय आब पूछल गाम? बाशा कोयली नानपुर लग हँ भेटुआ नानपुर अलग छैक की हमर गुरू बच्चा के पत. राम चन्द्र झा ओताही के पता नहीं मोबाइल गुरुपुत्र बिभा कर के दूनू के बात करबैत छी अनेक बात अपन प्रयोजन कहैत छे वर्ष १९३-९४ में हमही उद्घोषक- ओही राती दू एन्गीर मरी गेल दुर्घटना में तखन स पर्व बंद देखू हम संयोगवश जा रहल छि antarrashtriy मैथिली परिषद् क ई बनायब- नरेन्द्र बाबू मीटिंग केने छठी हमर सम्बधी छठी बात करबैत चियान्ही यू ओ अन्हाक नहीं हम्रह्न्हू अतिथि छठी हम चुप रहित छि कतेक सम्मान हमरा सन छोट आयु बला क प्रति किस्सा सुनबैत छठी PTPS , BASAL जे जिंदल भेल- हम पार करैत छी ओ घाटी जे ३.११.९६ क टूटल पूल कांके आगन पर के लेल्न्हू- भयंकर घाटी सेहो कांके क आर के झा अदि संग अपन बहिनी क एक कथा लेल मुदा अंगद जनका वापस लौटक हिम्मत नहीं(मुदा गेला क बाद ) आ बरकाकाना रामगढ होइत वापस भेल छलन्हू ओहि समय एक छोट बैसार भेल छल २००८ में कोशी स लौतैत काल एक राती जिंदल गेस्ट हाउस में छालाणु आ हमारा एही घाटी स कार छोड़ने छल हम १९८०स में सेहो एक बेर गेल छाल्नु ओतय इंदु व बिदुक विवाह लेल एक कथा में पतरातू क समय छटा लेल कैमरा ले गेल छलन्हू पोतो विडियो लेंलान्हू वर्षा बाद हरिअरी में और नीक हेतैक आब छारी लें क रास्ता चौड़ा भेलैक अछि बहुत गाछ कटी के से नीक नहीं लागल विकास चाही मुदा एना जंगल उजाड़ी नहीं न्यू मार्केट लक्ष्मण झाजी एक दोकान पर ले gelaah दीपक आयल बीके स डेरा पर नरेन्द्र बाबू भोजन नहीं करब मुदा सोफ्ट ड्रिंक आ फेर चारि रसगुल्ला किछु देर बात चीत ओहो पुराण स्वयमसेवक तर बाबू छठी/ मरी गेलाह. मुदा सिद्धिनाथजी छथि- बिहार क्षे त्रक संघचालक फ़ोन करैत छथि कानी देर बाद कल बेक एक आदमी ए है धनाकर ठाकुर आपको जानते हैं 'एक आदमी नहीं, मेरे आदमी हैं." परिचय पुरान हुनका स - हम आब संघ स अलग थलग छि मुदा बैठक में आवे बैसार में समय पर किछु आ बादमे होइत होइत १९ संख्या - विविध जिलाक मैथिल विविध गामक आ ताहू में पड़ोसी चौरीक आ लोहत लाघक ( आई लिस्ट में देखलन्हु हमर पोस्ट ऑफिस बीरसायरक सेहो) २००८ में कोशी स लौतैत काल एक राती जिंदल गेस्ट हाउस में छालाणु आ हमारा एही घाटी स कार छोड़ने छल हम १९८०स में सेहो एक बेर गेल छलन्हू ओतय इंदु व बिदुक विवाह लेल एक कथा में पतरातू क नैसर्गिक छटा लेल कैमरा ले गेल छलन्हू पोतो विडियो लेलंहू वर्षा बाद हरिअरी में और नीक हेतैक आब चारि लेन क रास्ता चौड़ा भेलैक अछि हुत गाछ काटी के से नीक नहीं लागल विकास चाही मुदा एना जंगल उजाड़ी नहीं न्यू मार्केट लक्ष्मण झाजी एक दोकान पर ले गेलाह दीपक आयल बाईक स डेरा पर नरेन्द्र बाबू भोजन नहीं करब मुदा सोफ्ट ड्रिंक आ फेर चारि रसगुल्ला किछु देर बात चीत ओहो पुरान स्वयमसेवक तार बाबू छथि/ मरी गेलाह. मुदा सिद्धिनाथजी छथि- बिहार क्षेत्रक संघचालक फ़ोन करैत छथि कानी देर बाद कल बेक एक आदमी आ ए है धनाकर ठाकुर आपको जानते हैं 'एक आदमी नहीं, मेरे आदमी हैं परिचय पुरान हुनका स - हम आब संघ स अलग थलग छि मुदा बैठक में आवे बैसार में समय पर किछु आ बादमे होइत होइत १९ संख्या - विविध जिलाक मैथिल विविध गामक आ ताहू में पड़ोसी चौरीक आ लोहट लग्हक ( आई लिस्ट में देखलन्हु हमर पोस्ट ऑफिस बीरसायरक सेहो) Nilambar Jha 'Birsayar' Tarakant Mishra' Bitguar' Lohat Nityanand Jha 'Nirmal' Maladh Supaul' Laxman Jha 'Basha' Sitamarhi Amarnath Jha 'UttaraMadhubai' Binod kumar jha Mahnar Vaishali Amol Kumar Jha 'Chauri, madhubani' Basukinath Jha' balia' Saharsha Anjan Kr. Ray 'Ekadh' Saharsa Jimutvahan Oja 'Didih' Purulia Arun Kummar Thakur 'Lakhanpur' MZP Deepak Kr. Jha Garh Baruaari Supaul Narendra Jha 'Garh Baruari Supaul Mithilish Kr. Mishra 'Dhanaga' Naveen Kumar Singh 'Harraha mahua' Madhepura Jankinanad Jha 'Tilath' MDB, Sunil Kr Jha 'Chauri' Madhubani अमरनाथ जी क अमेरिका स बात कायलान्ही मुदा जालन्धर स विकास क फ़ोन पर बाद में करय नीक बैसार - अध्यक्षता बस में भेटल लक्षमण जी द्वारा- पत्रकार अयलाह- समिति बनल मिथिला राज्य लेल काज होयत- मैथिली द्वितीय राजभाषा झारखण्ड लेल जानकी नवमी होयत एक नवीन उत्साह क संचार हम गीता प्रवचन सेहो किछु देर बाद में देल फेर नरेन्द्र बाबूक डेरा - झोरा हल्लुक भय गेल छल- राखी सिद्धिनाथ जी लग अतीव प्रसन्नता तेज नारायण झा आ उर तार बाबू सब मृतों को ही अपने याद किया मेरी कविता है जे अमरता के बुझथि मृत्यु एक अवसर अछि महाराजा दरभंगा आ माल वीय जी क सम्बन्ध पर सामग्री चाह्लाह दरभंगा अमलेंदु आ चंद्रेशजी के फोन अमलेंदु स माँ जानकी क सिन्दूर वाला फोटो मूर्ति प्रचार क बात आप जैसा समाजसेवी कोन भाई मै डाक्टर हूँ नामके / नहीं कल भी ड्यूटी करूंगा ताबत फ़ोन ICCU स ड्यूटी डॉक्टर क एक बीमार bp ९०/ ६० निर्देश देत छी आ दोसर MD के आजुक ड्यूटी क बात कहैत छि देखिये आपने बात की और काल आ गया सुबह ९ बजे साथ कार से रांची चलेंगे नहीं तब तक तो मैं अपने चैम्बर में रहूँगा बस ५४५ की लूंगा नरेन्द्र बाबुक डेरा- रात्रि भोजन सूतय लेल ऊपर फ्लैट में दूरदर्शन पर अन्ना रजत शर्मा क अदालत में आ राम सेतु देखैत ११३० सूताल्न्हु ५ बजे अलार्म स ऊठालन्हू शौच्क बाद नीचा उतरि नरेन्द्र बाबू संग हनुमान गढ़ी लग अख़बार प्रभात खबर में २२.४ क खबरी देखल अनेक हव्कर जैत ताबत सकल्देब चौरसिया पूर्व प्रचारक घुमैत हमको छोड़ दिया- समस्तीपुर का हूँ गलती भेल बस आयल - पाछा ६- सीट्टा पर एक जगह समय पर पंहुचक छल कलही वाला उतरक धमकी ऩही वा आई लक्षमण झा सन कियो भेटे balaa नहीं?

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