मैथिली ब्राह्मणवादी कोना ओ त जगज्जननी छथि
हमारा ककरो झगडा स किछु लेना देना नहीं
हम बहुत साल तक महेंद्र के नॉन- ब्रह्मण बुझालीयेन्ही बाद में हमर रान्चीक एक कार्यकर्त्ता वकील क विवाह सोस्लित पार्टी क पूर्व सांसद झाजीक बेटी स भेलन्हि जे मलंगिया नाम क् गामक छलाह आ कहियो बाद में दरभंगा स मधुबनी ( बस क छत पर जाइत) ओही गाम के देख्लाल्हू आ बुझ लंहू -ओ नाटकार छथि एतबे बुझल अछि अनेक पुरस्कार भेटल छनि एक दिन दिल्लिक एक बस में अकस्मात् बगल क सीट पर हुनक जमाय भेटी गेल्लाह आ फोन पर नीक बात भेल -
पहिने हम हुनका नेपाली मैथिल क कोनो मलंगिया प्रजातिक बुझैत छलन्हू आ जखन ७.१. १९९६ में मधुबनी में हमर पैत्रिक जमीन पर आयोजित द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेअलं में ओ अयलाह आ बाद में मालूम भेल जे चुनावी माहौल में कारेद्द गेन्द्र झा के सम्मान सहित संबोधन देलक बाद भाषण क अवसर कोनो नेता के नहीं देबाक बात कहल जाही पर मधुबनी में हमर विरुद्ध भेल प्रतिक्रिया में ( भोगेन्द्रजी के के नब छौंड़ा नहीं बजे देलक ) में ओहो सम्मिलित छलथि (ओना बाद में जमशेदपुर क सातम सम्मलेन में फेर भोगेन्द्रजी ससम्मान ८.१.२००० क बजलाह).
हमरा मिथिलाक मधुबनी आ दरभंगा जिलाक नेता आ कार्यकर्त्ता के बुझनाई कठिनाह लागैत अछि- ओ काजो करैत छथि समस्या सेहो वैह उत्पन्न करैत छथि यानी हुनक काज राजसिक वा तामसिक रहैत अछि सात्त्विक प्रेम स काज करक आधार हमर सब हक़ अछि ओकर पालन हो
धनाकर ठाकुर
प्रवक्ता, अंतरराष्ट्रिय मैथिली परिषद्
Thursday, April 19, 2012
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