Monday, July 14, 2014

हमर 172 म मिथिला जागरण यात्रा_ फुलहर - जगबन बिस्फी 
जुलाइ 11 -12 क मिथिला विद्यार्थी परिषद् क समस्तीपुर मे अधिवेशन तय कय्ल गेल छल लेकिन ओहि लेल कोनो सूढ साढ नहि देखि हम मधुबनी क टिकट 21.6.14 क लय लेने छल्हुन कारण सावन क चल्ते भीड सम्भावित छल ( बहेदा मे द्र ममता झा क तय वर्ग परिवर मे एक क म्रित्यु चल्ते 8.7 क स्थगन सूच्ना लेकिन उमेश मन्दल फुल्हर लेल तुरंत तैयार भेलाह ) वस्तुत:. यदि कियो व्यक्ति अप्न लक्ष्य् लेल एकाग्र नहि होइत अछि ओ छोट वा पैघ काज नहि कय सकइत अछि- ई तेसर स्थगन छल – एहेन मे संगठन के विकल्प ताकक चाही – स्थिति ई अछि जे एक त कर्यकर्त्ता क संख्या कम आ ताहु मे एहि बात क चिंता नहि जे कोनो पद क समय सीमा होएत छैक- मिथिला मे एहेन लोक क कमी अछि जे अकौंटेब्ल हो यानी जिम्मेवरी लय स्वय्म काज कय सकथि – याद राखी जे हर कार्य्क्रम क पाछा एक एहेन व्यक्ति रहइत अछि – कोनो कार्यक्रममे आन बहुत क संग भाग लय लेब अलग बात अछि .गूरू पूर्णिमा क मह्त्वपूर्न दिन एहेन अधिवेशन लेल सम्योचित रहएत- सिमरिया घाटमे गंगा सनान क भीद आ काली मन्दिरमे भक्त क भीड देखल -
एहेन दोसर उदाहरण एहि यात्रा मे एक दोसर के रह्लइन्हि जे गामस मधुबनी चलि वापस भेलाह- प्रमोद जी द्वारा ह्मरा कह्ल गेल जे हम संग हुंका लय ली – हम कह्लियैन्हि जे ओ यदि बीमर छ्थ्गि त सुस्ता कय अबाइथि- कय्दा स ह्म्रा स पहिने हुंका कर्य्क्रम स्थल पर पन्हुचक छल – हम ई संग चल्ब कार्य्क्रम क घोर विरोधी छी- एहेन मे कैएक बेर सब कियो नहि अय्ताह या सब देर अय्ताह- सब के अप्पन कार्यक्रम अप्ना पर रखक चाही
आ जेना तय छल उमेश मंडल आ हम फुल्हर पन्हुचल्हु ( 22.10.1993, 7.10.2008 क बाद तेसर बेर) आ 51 म प्रशिक्षण् वर्ग आधा घंटाक़ बिलम्बस प्ररम्भ भेल जकर कारन भेल त्रैन हमर दरभंगा लेट पन्हुचब- चुंकि गाडी ओतय 4 बजे छलिक हम बस स्टंड टेम्पोस गेल्न्हु- ओहि 3-4 किलोमीतर क भाडा 15 रुपया प्रत्रि यात्री भर्त मे सर्वधिक लागल ( –आगा 3, बीच 4, पाछा 4) आ फेर मधुबनी बस स 35 क तुलना करू – मखना अनुसन्धान केन्द्रा बहर स नीक लाग्ल- लेकिन सक्री क चमडा आ खपडाक कारखानामे ताला जे बच्चा मे देखाइत रही – मिथिलाक दुदशा बत्बाइत अछि – पन्दौल हाम्र ग्रिह्शहर रहल अछि- सब जंल चिन्हल विकस क नाम पर कनाइत- ,मधुबनी मे भातिज गट्टु ठाढ छल- बहिनोइ क नरेन्द्र मोदी पर आ करीरअर पर किताब लेब. असाध्य गर्मी- झोडा राखक जगह् लेल घुस्क कह्ला पर एक युवक बाजल- रोजा मे ची.. कलियैक हम हैवशर स उथ्ल्न्हु अछि 60 घंटा निर्जला – दोसरक धर्ममे सेहो कठिन बात होइत छैक – उमेश मंड्ल् अय्लाह- बाएक स कलुआही तक्के जनल रास्ता लेकिन रूक्क समय न्हि – फेर मल्मल- मन्मोहन- बसोपत्ती- कल्ना महदेव क मन्दिर दूर स देखल- 1993 क पद्यत्रा क रूट वाइह छल ल- उमगांव् जानल पहिचानल – फुल्हर आबि कल पर स्नान फेर गिरिजा माता क दर्शन आ सभा – एक पत्रकार जे घुरि गेल छलागह फेर अयलाह- लोव अत फरस्ट साएट क विश्व क पहिल स्थान अछि गफुल्हर- सीताजी गिरिजा पूजा लेल जनाना बागमे फूल तोडै लेल जनकपुर ( 15 किलोमीट्र) स आयल- आ रखबार राम लखन के सुकोमल देखि घुसक अनुमति दय देने गूरू विश्वामित्र क डेरा बिसौल् (4 किलोमीटर्) – लोक आएयो गिरिजा पुजैत छथि- मिथिला राज्य नहि त विकास नहि पुजारी जी क घर मे रात्रि विश्राम –
जानकी सेनाक रथ ओतय आयल छल- यदा कदा मिथिला अन्दोलनी अबाइत छ्थि- हमर ई तेसर यात्रा छल- दोसर दिन भोर मे फेर सन्नन पुजा दर्शन आ सभा- उमेश क घर बगल क गाम मनोहरपुर जा भोजन – गर्मी स भूख नहि- उमेश बहुत सतीक भेन मे सूई दइत अछि – गाम क बीमार लेल कोनो खास व्यवस्था नहि –
दरभंगा ट्रैन 350 मे छल- साहरघाट भय एक घंटाक रास्ता- साहरघाटमे डा. अमरनाथ झा स भेंट- हिनक जमाय बैकुंठ हमर 1972 स संघ क चल्ते परिचित- 5.2.1993 क अक्स्मात विशाखा पत्तनम मे एक मैथिल बाइसर मे देखि चिन्ह्लक- 7.10.2008 क डा. अमरनाथ झा स भेंट न्हि भय सकल छल यद्यपि ह्म हुनक क्लिनिक गेल छलहुन- एहि बेर भेतेला- कह्लियाइनि अन्ही अप्पन लोक क सेवा कराइत छी – एक मेडिकल कोलेज खोलक योजना करी- जमीन कहा?? यदि भेतत हम आजीवन मुफ्त सेवा देब. निकलल्हुन- उत्तरा देखल – किछु वर्षा – जगन- मे एक दोकन पर एक महिला दोकन्दारिन रेखा झा( जिन का हमर गीता भेटल छल्न्हनि किंकहु स देला पर कह्लीह) स पूछ्ल आश्रम – हुन्क पति संग गेलाह तपोभुमि जतय हम 25.5.1994 क गेल छल्हुन- कोनो विकाश न हि ओहिना बद गाछ – ओतय एक वैदइक विश्वविद्यालय बन क चाही – बोर्द देखल छल विद्यपति डीह बिस्फी लग मे – 7 किलोमीटर – गेअल्न्हु- दर्शन पहिल बेर- क़ैलाश यादव युवा संगठन बना देख्भाल मे- हुंका युव मिथिलक ब प्रखन्द सन्योजक बनावल- विद्फ्यपति क तीन डीह 1. जे विक्सित अछि जहि मे एक सुरंग क अव्शेश सेहो जहि स हुनक जनि जाति नदी स्नान लेल जाएत छलीह 2, जत्य एखन एक विद्यालय बनल अछि 3. टीला जे श्मशान भुमि अछि- कियो 111 फीट् क मूर्त्ति ओतय लगुताह से कहि गेलाह अछि
ओतय बनक चाही रबिन्द्र भारती क तर्ज़ पर विद्यापति संगीत विश्वविद्यलय .. हुनक भगवतीस्थान देखल- जख्न ओतय पानि जलशैन माने ईलाका डूबि जयत किछु दिनमे रेखा झा कह्ने छ्लीह –
फेर पुरान रास्ता स वपस पिदरुछ मह्माद्पुर आदि क याद बिना रूक्ने- दर्भंगा आ त्रैन स वपसी झर्खन्द मे वर्शा भेल- मिथिला जंका असाध्य गर्मी नहि( जहि मे प्रवीन जी क शब्द मे हम पिक्निक मनबय जाइत छी)- Jaseedeeh station par bam ke dekhait -सर्दी कफ बोखर संग वापसी-

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