अति संक्षिप्त 131म मिथिला यात्रा के जागरण यात्रा कही व नही मुदा मिथिलाक यात्रा अनवधानमे भय गेल जखन कातिक पूर्णिमाक छुट्टी लेल हम एकाएक निर्णय लेलहुं जे मिथिला आ न्दोलानी उदयशंकर मिश्र क बेटी क विवाहमे 25.11 क नही जा सकल छलहूँ
9.4.2011 क हम जामताड़ा आ दुमका गेल छलहूँ आ अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् क इकाई बनाउने छलहूँ किछु मॉस पूर्व ओ सब विदय्पति पर्व एक स्थानीय संगठन क नाम पर के लेलाह आ सूचन
9.4.2011 क हम जामताड़ा आ दुमका गेल छलहूँ आ अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् क इकाई बनाउने छलहूँ किछु मॉस पूर्व ओ सब विदय्पति पर्व एक स्थानीय संगठन क नाम पर के लेलाह आ सूचन
ा नही देलाह दुमका में सेहो किछु एहिना भेल - पाहिले11.10 क बात भेल कहलियेन्ही प्रान्तक सब स्थाम स 1-2 प्रतिनिधि बजा प्रांतीय सम्मलेन कही - कलाकारक नाम आदि पूछलाह - फेर ओही क्रममे 15.10.12 क तिथि बता देलाह आ कहलाह एक नव संगठन विदय्पति सांस्कृतिक परिषद् करत- संगही अबय लेल औपचारिक कहला वा आमंत्रित केलाह से कहनाइ कठिन कारण फोन हम केने छालियेन्ही लेकिन स्वीकार केलियेन्ही मुदा (7.11 क देवघर एक कार्यकर्ता के कह्लिईन्ही जे 18.11 संग जायब मुदा हुनका आमंत्रण 27.11 क भेलैन्ही लेकिन हमरा बीझो नही भेल आ हम निर्णय लेल जे दरभंगाक टिकट ले 27.11 क गाडीमे बैसब आ यदि फोन आबि गेल जसीडीहस उतारी चली जायब लेकिन फोन नही आयल आ हम दरभंगा चली गेलहुं - गौरीशरण जी 27.11 क कहने छलाह एक श्लोक जे जतय सम्मान नही भेटे ओतय राती के के पूछे दिन में सेहो नही जेबाक चाही
आखिर हमरासन लोकस कोनो संस्था वा लोक के कियैक डर लगैत छैक- कोनो मंत्री क सामने बेबाक बजबैक मिथिला राज्य आ मैथिली भाषा और की - ने त किनको स अबय जाई लेल पाई मांगे छि ने ठहरय के सुविधा ने कोनो लिफ़ाफ़ तखन यदि हमारा सं लोक के अतिथि नही बनेबाक हो , हमरही कोन मोन अछि?हम एहो नही चाहे छि जे कियो विवाहादि में आमंत्रण दी - हमरा समयक अभाव रहैत अछि आ हमर समय जे समाज के लागत ओही में कटी जाओत वा असुविधा होयत - हम कोनो वी आई पी छि नही - कियैक हमरा लेल ...
लेकिन बजाबी आदर नही दी निरादर सेहो नही करी - व्यक्तिगत गीता क विद्यार्थी हम मान -अपमान स उठाल लेकिन जखन हम संगठन क प्रतिनिधि छि हमर उपेक्षा मतलब हमर सबहक संगठनक - हमर नाम संगठन क संग कार्ड पर छपक चाही सूचना में जेबाक चाही आ जतय हम वरीय छी (अपन नौकरी क पद, पेशा वा सांगठनिक अनुभव वा ज्ञानमे तदनुरूप स्थान भेटक चाही )
अस्तु प्रथम बेर अपन देल समय पर हम नही गेलहुं कारण एही में हमरा अपन उपेक्षा बुझायल- नीक होयत जे आगाँ कहियो ओतय जायके मौक़ा भेटत और हमर अनुमान गलत सिद्ध हो
अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् क विरोधी मैथिल कार्यकर्त्ता आ संगठन के बुझक चाही जे 1967 आ 1983 में बनल मैथिल महासंघ नही चलल मुदा अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् चली रहल अछि - हर मंच पर बात उठैत अछि जे संगठन के गोलबंद हेबाक चाही मुदा जे 27 संगठन मिलीके 1993 में अंतर राष्ट्रिय मैथिली परिषद् बनौलाहूँ - ओहीके चलेनाई ककर जिम्मेवारी
जे मोन में हो प्रयोग कय ली अंत में अंतर राष्ट्रिय मैथिली परिषद् सामने आबी जायत एक विकल्प क रूप में
अस्तु ट्रेन पर चधैत कल छोटाई पट्टीक ( रैयाम चीनी मिल लग) रेलवे स सेवा निवृत्त छोटेलाल ठाकुर भेटलाह जे आई कहलाह मिथिला काजमे लगताह
दोसर सहयाती इन्द्रकांत झा गढ़वामे शिक्षा विभागमे सरबेटा क विवाह में तिलाठ (नेपाल) जेबाक रास्तामे- भोरे हुनक सार गंगाधरजी पुरान मैथिलीसेवी परिचित - जिद्द केला पर जाय पडल ओतहु आ
तेसर सहरसा जिलाक चीफ इंजीयर धनबाद जाइत जिनका स आई बात भेल जे ओ काजमे सहयोग देताह आ हुनक डेरा धनबाद क पता अपन कार्यकर्त्ता के दय देल अछि - हुनक जेठ भाई मधेपुरा कॉलेजमे प्राध्यापक फोन आई कायल मैथिली सम्मलेनमे सहयोग करताह 22-23 दिसंबर क - चीफ इंजीनियर के कहलियैन्ही जे बेटाक विवाह अपना स नीच आर्थिक घरमे करी आ शर्ट नही बनाबी जे अमुक कमउआस विवाह करब -पहिले कहला जाइत छलैक लडकीक विवाह अपना स उंचमे करी मुदा जब्त लड़का बला मानसिक रूपे एही लेल तैयार नही होयत या त गरीब के बेटीक विवाह नही होयत या फेर लोभी व्यवस्थाक नाम पर अव्यवस्था करताह आ दहेज़मुक्ति बलाके शिकार हेताह
एक सह्यात्रीके खैनी नही खाई लेल सुझाब देलियेन्ही (ओ हमरा नाम सुनने छलाह ताहि हेतु हमर बात सुनि झंझटी नही केलाह ओना तर्क राखिये देलाह हमर फलां कका एतेक वर्ष तक खैनी खेत रहलाह- कहलियेन्ही जा कय कैन्सर अस्पतालमे लोकस बुझी जे ओहिमे कतेक लोक खैनी खाइत छलाह
हुनक जेठ सासू ( पत्नी क पहिन बहिन ) आ साढू बरौनी में चढलखिंह- दूनू बहिन बहुत खुश भातिजक विवाहक उमंगमे --(जहिया बेटी क विवाह हेतैन्ही मोन कोना रह्तैन्ही?)दरभंगा स्टेसन पर झोरा भरल डाक आयुर्विज्ञान प्रागतिक खसा हल्लुक भेलहूँ आ लौटक टिकट लेलहूँ ताबत राजीव कर्ण अयलाह - फेर गंगाधरजी ओतय गेलहुं- दिग्घी पोखरी बहुत साल बाद देखल - दोनारी लग टेम्पू भेटल- मेडिकल कॉलेज में कर्पूरी चौक बनी गेल आ कोनो दक्तर्क नाम नही भेलेही स बुझी ली कतेक महत्व छैक दरभंगाक नाक संस्थानक- एक पोखरि जरूर नब देखल् खुनायल -वेस्ट आ ईस्ट होस्टल बीच से नीक लागल - बंगाली टोलामे अपन गुरु डॉ बी अन दास गुप्ता क उजडल घर (जेन डॉ सरकार क उजडल घर मुख्य सड़क पर) - खटखटेलापर पुरान नौकर शिबजीक पुतोहू निकललीह आ शिवजीक बेटा - बोकदा लेल पूछला पर ले गेल हुनक डेरा 27 वर्ष बाद देखि अति प्रसन्न भेलाह- सहमत भेलाह यदि हम रहितहूँ दरभंगा सरके चैम्बरमे हम प्रक्टिस करैत रहितहूँ- हमर छात्र अवस्थामे बोका दाक हमर प्रति उपकार - पहिला सूई दिया 2 टा का दिया देनाइ (ओहि समय ओहीमे भोजन भय जाइत छलैक )- बोकदा कहलक हमर ऍम डी में कम्पीट केला पर जे डॉ साहेब एडमि सन का पैसा देंगे आ डॉ दास गुप्ता 350 टाका देलाह , याद पडल डॉ शंकरानन्द वर्मा क हमरा 18 मॉस तक 175 टाका देनाई , डॉ अन पी मिश्र क 100 टाका मासिक देनाई जे हम ऍम दी कय पय्लाहूँ अ ओही गुरु ऋण के चुकबय मणिपुरी वीरेंद्रके खर्च पूरबय मेडिकल संपादकक नौकरी रांचीमे डॉ के के सिन्हा लग 1985-86 में केलहुं आ फेर कोल इंडिया, बिहार सरकार, विवाह भेनाई-टूटनाई- दिल्लिक चक्कर - मुंबईक कथ लैब जे जे अस्पताल क आ फेर रांचीमे नौकरी आ अकस्मात् मैथिली काजमें एनाई स्नान नहि केने तैयो प्रसाद खेलहूँ आ फेर उदयजी डेरा हूनक समधी आ श्वशुरस भेंट - बेटी-जमायके आशीर्वाद- मिठाई खा फेर लाइट हाउस लग टेम्पू- बहिनक डेरा - जल्दीमे स्नानं संध्या तर्पण भोजन आ स्टेशन - लिय! राजनाथ मिश्र भेटी गेलाह! भोरे बुचरू जीके फोन केने छलियेन्ही जे एही बेर जा सकैत छि हुनक डेरा मुदा नही गेलहु से भेट लाह- ओतय चली रहल छल विद्यापति सेवा संस्थानक पर्व - मुदा अनामंत्रित नही जाई सैह विचारि आ अपन कोनो मीटिंग करब ओकरा ओ सब विरोधी काज बुझताह 4 बजे क ट्रेन कोलकाताक लेलाहूँ आ झाझामे उतरल हूँ वनाचलमे भीड़मे धनबाद तक एक बजे राति तक कष्ट काटि एक वृद्ध व्यक्ति एहिना कात मे बैसल- नीक बात बजैत- कहलियेन्ही शिक्षक छलहूँ? से छलाह केन्द्रीय विद्यालयमे सप्लाई इंस्पेक्टर क नौकरी छोडि - संस्मरण सुननाइ नीक लागल कोना समय हैदराबादमें बीतलैन्ही
भोरमे डेरा आबी गेलहुं- पता चलल जे दुमकामे कार्यक्रम भेलैक् मुदा जाहि नेता सभक प्रत्याशामे हमारा नही बीझो देने सोचने हेताह जिनका लेल से नहि अयालाथि )आब परसू वाराणसी लेल जेब - (ओ सब का ल्हियो पुछने छलाह कखन पहुंचब ? )
आखिर हमरासन लोकस कोनो संस्था वा लोक के कियैक डर लगैत छैक- कोनो मंत्री क सामने बेबाक बजबैक मिथिला राज्य आ मैथिली भाषा और की - ने त किनको स अबय जाई लेल पाई मांगे छि ने ठहरय के सुविधा ने कोनो लिफ़ाफ़ तखन यदि हमारा सं लोक के अतिथि नही बनेबाक हो , हमरही कोन मोन अछि?हम एहो नही चाहे छि जे कियो विवाहादि में आमंत्रण दी - हमरा समयक अभाव रहैत अछि आ हमर समय जे समाज के लागत ओही में कटी जाओत वा असुविधा होयत - हम कोनो वी आई पी छि नही - कियैक हमरा लेल ...
लेकिन बजाबी आदर नही दी निरादर सेहो नही करी - व्यक्तिगत गीता क विद्यार्थी हम मान -अपमान स उठाल लेकिन जखन हम संगठन क प्रतिनिधि छि हमर उपेक्षा मतलब हमर सबहक संगठनक - हमर नाम संगठन क संग कार्ड पर छपक चाही सूचना में जेबाक चाही आ जतय हम वरीय छी (अपन नौकरी क पद, पेशा वा सांगठनिक अनुभव वा ज्ञानमे तदनुरूप स्थान भेटक चाही )
अस्तु प्रथम बेर अपन देल समय पर हम नही गेलहुं कारण एही में हमरा अपन उपेक्षा बुझायल- नीक होयत जे आगाँ कहियो ओतय जायके मौक़ा भेटत और हमर अनुमान गलत सिद्ध हो
अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् क विरोधी मैथिल कार्यकर्त्ता आ संगठन के बुझक चाही जे 1967 आ 1983 में बनल मैथिल महासंघ नही चलल मुदा अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् चली रहल अछि - हर मंच पर बात उठैत अछि जे संगठन के गोलबंद हेबाक चाही मुदा जे 27 संगठन मिलीके 1993 में अंतर राष्ट्रिय मैथिली परिषद् बनौलाहूँ - ओहीके चलेनाई ककर जिम्मेवारी
जे मोन में हो प्रयोग कय ली अंत में अंतर राष्ट्रिय मैथिली परिषद् सामने आबी जायत एक विकल्प क रूप में
अस्तु ट्रेन पर चधैत कल छोटाई पट्टीक ( रैयाम चीनी मिल लग) रेलवे स सेवा निवृत्त छोटेलाल ठाकुर भेटलाह जे आई कहलाह मिथिला काजमे लगताह
दोसर सहयाती इन्द्रकांत झा गढ़वामे शिक्षा विभागमे सरबेटा क विवाह में तिलाठ (नेपाल) जेबाक रास्तामे- भोरे हुनक सार गंगाधरजी पुरान मैथिलीसेवी परिचित - जिद्द केला पर जाय पडल ओतहु आ
तेसर सहरसा जिलाक चीफ इंजीयर धनबाद जाइत जिनका स आई बात भेल जे ओ काजमे सहयोग देताह आ हुनक डेरा धनबाद क पता अपन कार्यकर्त्ता के दय देल अछि - हुनक जेठ भाई मधेपुरा कॉलेजमे प्राध्यापक फोन आई कायल मैथिली सम्मलेनमे सहयोग करताह 22-23 दिसंबर क - चीफ इंजीनियर के कहलियैन्ही जे बेटाक विवाह अपना स नीच आर्थिक घरमे करी आ शर्ट नही बनाबी जे अमुक कमउआस विवाह करब -पहिले कहला जाइत छलैक लडकीक विवाह अपना स उंचमे करी मुदा जब्त लड़का बला मानसिक रूपे एही लेल तैयार नही होयत या त गरीब के बेटीक विवाह नही होयत या फेर लोभी व्यवस्थाक नाम पर अव्यवस्था करताह आ दहेज़मुक्ति बलाके शिकार हेताह
एक सह्यात्रीके खैनी नही खाई लेल सुझाब देलियेन्ही (ओ हमरा नाम सुनने छलाह ताहि हेतु हमर बात सुनि झंझटी नही केलाह ओना तर्क राखिये देलाह हमर फलां कका एतेक वर्ष तक खैनी खेत रहलाह- कहलियेन्ही जा कय कैन्सर अस्पतालमे लोकस बुझी जे ओहिमे कतेक लोक खैनी खाइत छलाह
हुनक जेठ सासू ( पत्नी क पहिन बहिन ) आ साढू बरौनी में चढलखिंह- दूनू बहिन बहुत खुश भातिजक विवाहक उमंगमे --(जहिया बेटी क विवाह हेतैन्ही मोन कोना रह्तैन्ही?)दरभंगा स्टेसन पर झोरा भरल डाक आयुर्विज्ञान प्रागतिक खसा हल्लुक भेलहूँ आ लौटक टिकट लेलहूँ ताबत राजीव कर्ण अयलाह - फेर गंगाधरजी ओतय गेलहुं- दिग्घी पोखरी बहुत साल बाद देखल - दोनारी लग टेम्पू भेटल- मेडिकल कॉलेज में कर्पूरी चौक बनी गेल आ कोनो दक्तर्क नाम नही भेलेही स बुझी ली कतेक महत्व छैक दरभंगाक नाक संस्थानक- एक पोखरि जरूर नब देखल् खुनायल -वेस्ट आ ईस्ट होस्टल बीच से नीक लागल - बंगाली टोलामे अपन गुरु डॉ बी अन दास गुप्ता क उजडल घर (जेन डॉ सरकार क उजडल घर मुख्य सड़क पर) - खटखटेलापर पुरान नौकर शिबजीक पुतोहू निकललीह आ शिवजीक बेटा - बोकदा लेल पूछला पर ले गेल हुनक डेरा 27 वर्ष बाद देखि अति प्रसन्न भेलाह- सहमत भेलाह यदि हम रहितहूँ दरभंगा सरके चैम्बरमे हम प्रक्टिस करैत रहितहूँ- हमर छात्र अवस्थामे बोका दाक हमर प्रति उपकार - पहिला सूई दिया 2 टा का दिया देनाइ (ओहि समय ओहीमे भोजन भय जाइत छलैक )- बोकदा कहलक हमर ऍम डी में कम्पीट केला पर जे डॉ साहेब एडमि सन का पैसा देंगे आ डॉ दास गुप्ता 350 टाका देलाह , याद पडल डॉ शंकरानन्द वर्मा क हमरा 18 मॉस तक 175 टाका देनाई , डॉ अन पी मिश्र क 100 टाका मासिक देनाई जे हम ऍम दी कय पय्लाहूँ अ ओही गुरु ऋण के चुकबय मणिपुरी वीरेंद्रके खर्च पूरबय मेडिकल संपादकक नौकरी रांचीमे डॉ के के सिन्हा लग 1985-86 में केलहुं आ फेर कोल इंडिया, बिहार सरकार, विवाह भेनाई-टूटनाई- दिल्लिक चक्कर - मुंबईक कथ लैब जे जे अस्पताल क आ फेर रांचीमे नौकरी आ अकस्मात् मैथिली काजमें एनाई स्नान नहि केने तैयो प्रसाद खेलहूँ आ फेर उदयजी डेरा हूनक समधी आ श्वशुरस भेंट - बेटी-जमायके आशीर्वाद- मिठाई खा फेर लाइट हाउस लग टेम्पू- बहिनक डेरा - जल्दीमे स्नानं संध्या तर्पण भोजन आ स्टेशन - लिय! राजनाथ मिश्र भेटी गेलाह! भोरे बुचरू जीके फोन केने छलियेन्ही जे एही बेर जा सकैत छि हुनक डेरा मुदा नही गेलहु से भेट लाह- ओतय चली रहल छल विद्यापति सेवा संस्थानक पर्व - मुदा अनामंत्रित नही जाई सैह विचारि आ अपन कोनो मीटिंग करब ओकरा ओ सब विरोधी काज बुझताह 4 बजे क ट्रेन कोलकाताक लेलाहूँ आ झाझामे उतरल हूँ वनाचलमे भीड़मे धनबाद तक एक बजे राति तक कष्ट काटि एक वृद्ध व्यक्ति एहिना कात मे बैसल- नीक बात बजैत- कहलियेन्ही शिक्षक छलहूँ? से छलाह केन्द्रीय विद्यालयमे सप्लाई इंस्पेक्टर क नौकरी छोडि - संस्मरण सुननाइ नीक लागल कोना समय हैदराबादमें बीतलैन्ही
भोरमे डेरा आबी गेलहुं- पता चलल जे दुमकामे कार्यक्रम भेलैक् मुदा जाहि नेता सभक प्रत्याशामे हमारा नही बीझो देने सोचने हेताह जिनका लेल से नहि अयालाथि )आब परसू वाराणसी लेल जेब - (ओ सब का ल्हियो पुछने छलाह कखन पहुंचब ? )