Wednesday, November 27, 2013

हम मिथिला राज्य लेल काज कय रहल छि दरभंगा राज्य लेल नही।- हमर 2012 क अंतिम मिथिला यात्रा

-हम मिथिला राज्य लेल काज कय  रहल  छि दरभंगा राज्य लेल नही।- हमर 2012 क अंतिम मिथिला यात्रा 
हमर 2012 क अंतिम मिथिला यात्रा जे 1992   हम मिथिलाक काज केने प्रारंभ केलन्हू प्रायः 133 म छल मुदा लगैत अछि एही में सबस अधिक सफलता भेल-  5 डिग्रीमें भेल सम्मलेन एही बातके तोड़ी देलक जे  मिथिलाक  कोनो एक वर्गक भाषा मैथिली अछि वा कोनो एक वर्गके प्रेम छानी बेशी। ओना  देखल जाय जहिया बिहार जतिवाद्क आगिमें झुलसी रहल छल तहियो हमर अन्यतम अनुयायी विवेकनद छल जे जातिक यादव आई धरी ओ हमर स्नेहभाजन अछि- मधेपुरामें एहेन नही जे  हमर बैसार पहिले नही भेल छल वा हम उम्हर ध्यान नही देने छलहु लेकिन सब चीजक  एक समय होइत छैक -आ से भेलैक जोगी जनकक कारन जे कहियो डॉ ल न झास सहरसा भेंट कार्य मिथिला पर्त्य्क विषयमें आयल छलखिन आ फेर बेगुसराय अयलाह दल्सिंग्सरय अयलाह- लगैत अछि हम सब हुनक कसौटी पर जातिवादी नही लग्लियेन्ही आ एक कुशवाहा नेता होइत  हमर सभक बात मानी लेलाह जे  सम्मलेन करब - जमशेदपुरक रजत सम्मलेन क आमंत्रण  हम अपन वीटोस कहक चाही रद्द केने छलहूँ दरभंगाक  कन्सी  गामक नाम पर- मुदा जिनका करक छलन्हि हुनका किछु विवशता  एहिमे भेल आपात निर्णय।
मधेपुरामे दिसंबर 22-23 , 2012   25 अंतरराष्ट्रिय मैथिली सम्मलेन अंतरराष्ट्रिय  मैथिलि परिषदके द्वारा , जोगी जनकजीक संयोजनमे होइयत( एकरा हमर सभक नाम चोरौने कोनो एही दिन सूरत वा जनकपुर व मनीगाछी वा देवघरमे करई  छथिस कोनो मतलब नही छलैक - यद्यपि अखबारमे बाहर वैह बेशी छ्पलाह- काज ठोस हमरा सभक भेल - स्थानीय सब अख़बारक संस्करणमे पैघ- पैघ  समाचार- - मधेपुरास आयल आवाज़ , मिथिला राज्य! मिथिला राज्य!!
 
प्रोफ प्रेम  पटनामे विकलांगता सेमिनारमे 16.12  कही देने छलाह जे मैथिली  सन्देश छपक  चाही नब . जे  17.12 क कहुना भरी दिन आ देर रति 2 तक काज कय प्रेसके मेल केलहुं आ 20 क ट्रेनमे भेटी गेल ..

एही यात्रामे हमर जाय  आ अबय के ट्रेन एक कोच एक बर्थ एक जे पहिल बेर भेल- हरदम किछु नब लोक भेटैत छथि - एही वापसी यात्रामे एक होमियो डाक्टरक चलते हम अपन परिचय खोली देल। भागलपुरक  एक माडवारी गीतक एक मनगढ़ंत श्लोक  प[आर अड़ी  गेल जे लौटला  पर  पूरा गीता उलटी फोन कायल ऐना कतय  अछि से बताबी? अंतिम दिन भागलपुरमे एक शिक्षक अडि गेलाह जे  राधाकृष्ण चौधरीक लिखल मिथिलाक इतिहास अछिए नही , हुनक  मैथिलि साहित्यक इतिहास अछि (लौटी कय  हुनको किताबक फाइल खोली पन्ना बतावल जे ई  लेखकक मिथिला क इतिहास अछि१७७४मे ितरहूतकेँ पटनाक अधीन कऽ देल गेलैक। (page 135).
भागलपुरस पुरनिया ठंढ़ काफी- बस बदली मधेपुरा- फेर मधेपुरा कॉलेज क विशाल परि सर में भव्य सम्मलेन - भव्यता शान शौकतस नही- मिथिलला क दूर-दराज़ स आयल कर्मठ कार्यकर्ता आ स्थनीय विद्वद समाज- के नहीं छल ओतुक्का - बिन्देश्वरी प्रसाद मंडलक संबंधी स महावीर बाबुक बेटा तक (जे जिला अध्यक्ष बनलाह) - आ मिथिला, मैथिली- मधेपुरा गूंजी गेल- आब एहेन सर्दीमे सम्मलेन नही हो- सभक कथन लेकिन यैह परिक्षा अछि किएक कहलाह- प्रखर साहित्यकार, कवि  आलोचक, अनेक किताबक लेखक - गुरुमैताज स सब अत्यंत प्रभावित - कमलकान्तजीक विद्वत्ता- कहाँ  जातिक बात उठल- विद्वत्ताक मिथिला सपूत गुरुमैतास ककर बेशी योगदान- मित्र वाजपेयीक भेंट कथा आठम  अनुसूची प्रसंगमे कहलाह- रिकॉर्ड भेल - हम आ ओ,  बनगांवक सुमन  बेगुसराय क पाठकजी  23.12 राती भरी रहलहुं- जे हडबडी में गेलाह से रास्ता में परेशान भेलाह -
23
क गीता जयन्ती- डॉ अमोल यादवक  घर हम सान्झ्मे गीता पर प्रवचन देल- 24 क डॉ अशोक यादवक घर जलपान - हुनक शालीनता-फेर  जोगी जनकक आश्रम देखल- सिघेश्वरबाब़ा  दर्शन - सम्मेलनकक  प्राण बच्चा  बाबू संग शास्त्र चर्चा- ओतयस पिपरा- त्रिवेणीगंज होइत अपन शहर फारबिसगंज- टूटल घरमे किछु मिनट- फेर मांगन बाबू ओतय रात्रि भोजन -विश्राम-
25.12
प्रदोष व्रत - पूर्णिया भोरक ट्रेन स- सुखसेनामे दशक पहिले बनल कार्यकर्त्ता  प्रवीणक मीडिया पकड- नीक बैसार - प्रसारित भेल मीडियामें लेकिन विशिष्ट लोकक उपस्थिति पूर्णिया  पाछां नही रहत मिथिला आन्दोलनमे बहुत साल बाद भरोस भेल- कृपानंद ठाकुरजी कहलाह गुरुमैताजीके  सम्मानित करबैन्ही  बजा।
 
नौगछिया क संपर्क नही भेटल- बिहपुर  सुबोध पासवान बूचरूजीक संपर्क पर बैसार लेल तैयार - देरी  होइत -कोशी कुर्सेला पूल पार करैत-  प्रदोष 13 व्रत पारण सेहो कतय करब? बसक सहयात्रीक संग  भ्रमरपुर आ नीक बिसर- अपिरिचित दीपकजी क घर पर्ण- हुनक विद्वान् बा बुजीसंग शास्त्र चर्चा  विश्राम-
26.12
थाना बिहपुर स्टेशन लग सुबोध पासवानक   गाम- घरमे  दुर्गाजी क आ बाहरमे  मजार पीर बाबाक बनाउने - 2010 में 2000 वोट मिथिला पार्टीक नाम भेटल पर लेकि न ओहिस 400 वोटस बुलो मंडल हारल आ बीजेपीक कियो जीतल?
मिथिला पार्टी अबय  बला समयमे अनेक चुनाव प्रभावित करत आ सब द लके लोक के हरावत  - जितावत  आ मिथिला राज्य बनत(लेकिन नासमझ युवा पदक गर्व में रहय  बलास संगठन नही बनत?- अनुशासहित युवा मिथिला बनौताह , फेसबुक पर भाषण लिखय बला नही।)..
भागलपुर- आदमपुरमे दीपक्जे एक अनुज सेहो प्रोफ सुमन- कहक चाही पहिल बेर ढंगक बईसार  भेल- मिथिला परिषदक वर्तमान अध्यक्ष खेद प्रगट  केलन्हि (कहियो हमरहूँ  आमंत्रण छल न्यायाधीश ज्ञानसुधा मिश्रक   संग मुदा ओतय गेलामे  ने कार्डमे ने वक्तामे नाम।  मैथिली सन्देश बांटला  पर " एखन नहि  जाबत न्यायाधीश ज्ञान सुधामिश्र  नही जाइत  छथि   " सचिव के कहला पर 21.2.2010  वहिष्कार केने छलहूँ जे राज्य मांगब हमर प्रजातान्त्रिक अधिकार अछि।"   आदमपुरमे हम कहलियेन्ही हम आयब भागलपुर फेर जहिया बजौताह- आ बाजब मिथिला लेल ओहि मंचस ? ओहि मंचस हम 26.12.2004 क घोषणा केने छलहु जे एही बेर लालू हारि जेताह से ओ हारि  गेलाह - हमर घोषणाक जे आधार छल से  नही लिखब  उचित नहि  लेकिन ओहि समय लोकके हमर बात  फजूल लागल छलन्हि। वकील साधना झाक घर नही जा सकलहूँ - उपराग सुनलहूँ- अगिला बेर हुनक गाम (अकबरनगर वा असरगंज याद नहि कतय) जाकय कोनो  नाम मजाकमें कह्लियेन्ही नहीं किछु त अरविन्द नगर (हुनक पतिक नाम) कय  देब से शर्त  करी हम आबी !
रास्तामे 3 फोन आयल ( देवघरमें सम्मलेन करयबला के छलाह? स्थानीय के उपेक्षा केलाह? जे   अश्विनी चौबे सामने  मिथिला राज्यक बात नही उठल  केवल  गान- बजान तक केलाह(आ तहिना गौहातीमे ) -   हम कहलियेन्ही हम आयब - 21.2.2010 क हम देवघरक प्रांतीय सम्मेलन रद्दकय  भागलपुर गेल छलहूँ ओहि मीटिंगमें जे पैघ जगह छैक- जरूर आजुक हमर मिथिला नक्शामे भागलपुरक आबादी सब बेशी फेर मुज़फ्फरपुर तखन दरभंगा अछि- हम मिथिला राज्य लेल काज कय  रहल  छि दरभंगा राज्य लेल नही। ई यात्रा समाप्त भय गेल- हमर बात मधेपुरास भागलपुर तक सुनल जा रहल अछि, आब  उम्हरो अनेक प्रशिक्षण वर्गक आमंत्रण अछि।


१२११ आ १२२९क बीचमे
बंगालक िवजेता िगयासु􀄿ीन इवाज िमिथलाक राजाक क्षे􀃿 अपन नाक घुसौलि􀄠ह आ
हुनकासँ कर वसूल केनाई 􀄆ारंभ केलि􀄠ह। अिहसँ पूवर् िमिथलाक राजा ककरो सामने
ने तँ झुकल छलाह आ ने कर देने छलाह। बंगाल पड़ोिसया होइतहुँ िमिथलापर
मुसलमानी आ􀆅मणक 􀄁ीगणेश केलक।
------बंगालसँ ितरहूतमे एबाक हेतु र􀄰तो सुगम छलैक।कोशी, 􀄛डक आ गंगाक
काते कात ितरहूत होइत बंगाल जाएवआएव सुगम छल आ तैं तािह िदन पि􀄀म आ
पूबक आ􀆅मणकारी लोकिन अिह मागर्क 􀄆􀄁य लेने छलाह। ( पेज 124)
कोशी, 􀄛डक आ गंगाक
१३२३२४मे िमिथलापर िगयासु􀄿ीन तुगलकक आ􀆅मण भेल। िमिथलापर
􀆅मणक पूवर् ओ बंगालपर आ􀆅मण कएने छलाह मुदा कानूनगोए महोदय कहैत छिथ
जे ओ पिहने ितरहूत आ तब बंगालपर आ􀆅मण केलि􀄠ह। मुदा से मत मा􀄠य निह
अिछ। िगयासु
􀄿ीनक आ􀆅मणक िववरण सब मुसलमानी 􀄇ोतमे भेटइत अिछ, मु􀄪ला
तिकआमे सेहो आ एिह घटनाक एकटा च
􀄮मदीद गवाह सेहो छिथ जिनक पोथी
वशाितनुलउ
􀄠स अखनो उपल􀄤ध अिछ आ जकर फोटो कॉपी पटनाक काशी 􀄆साद
जायसवाल शोध सं
􀄰थानमे अखनो राखल अिछ। ओिह पा􀄛डुिलिपक बारहम पातपर
िमिथलाक राजाक स
􀄦􀄠धमे कहल गेल अिछ जे ककरो कोनो बात निह सुनलि􀄠,
तकर् आ बुि
􀅀सँ काज निह लेलि􀄠ह आ अनेरो पहाड़ िदिस पड़ा गेलाहआिग जकाँ
पाथरक पाछु नुका गेला मुदा तइयो चकमक किरते रहलाह। इशामीक अनुसार
िगयासु
􀄿ीन ितरहूतपर आ􀆅मण केलि􀄠ह आ ओिहठामक राजा ए􀃾ेक भयभीत भऽ गेला
जे िबना कोनो
􀄆कारक िवरोध केने भािग गेला। िह􀄠दू लोकिन सेहो जंगलमे नुका
रहलाह। सु
􀄪तान जखन अपनिह हाथसँ जंगल काटब शुरू केलि􀄠ह तखन सैिनक
सेहो ओिहमे जुिट गेला आ तीन िदनमे स
􀄦पूणर् जंगल साफ भऽ गेल। तकर बाद
राजाक िकलापर चढ़ाई भेल जे सातटा पैघ
पैघ पािन भरल खािधसँ घेरल छल।
िकलापर िवजय
􀄆􀄢त कए राजाक धन स􀄦पि􀃾 सबटा लूटलि􀄠ह आ िवरोधीक ह􀄜या
केलि
􀄠ह। अहमदकेँ अिहठामक शासक िनयुक्त कए ओ ओतएसँ वापस गेलाह।
फिर
􀄮ता आ मु􀄪ला तिकआमे हिरिसंह देवक िगर􀄣तारक ग􀄢प झूठ अिछ कारण
वशाितनुल
उंसक िववरणसँ इ बात किट जाइत अिछ। वशाितनुलउंस (लेखक
इखित
􀄰सान)क अनुसारितरहूतक राजाकेँ 􀄆चुर साम􀆇ी उपल􀄤ध छलि􀄠, जनधनक
कोनो अभाव निह छलि
􀄠, मजबूत िकला छलि􀄠, नीक 􀄭यिक्त􀄜व छलि􀄠ह मुदा ओ
घम
􀄛डे चूर रहैत छलाह आ िव􀆖ोहक भावनाक् नेतृ􀄜व सेहो करैत छलाह। राज􀆖ोह
हुनकामे कूिट
कूिटकेँ भरल छल। एिहसँ पूवर्क शासकक 􀄆ित किहयो ओ अपन माथ
निह झुकौने छलाह
, ने ककरो मातहदी गछने छलाह आ ने किहओ परािजत भेल
छलाह। सु
􀄪तानक आगमनक सूचनासँ ओ भयभीत भऽ गेला आ संगिह िचंितत सेहो।
ओ िकंकतर्
􀄭यिवमूढ़ भऽ बैिस गेला। एतेक िचंतातुर आ अपािहज जकाँ ओ भऽ गेला
जे सब िकछु रिहतहुँ ओ सु
􀄪तानक िवरोध करबाक वजाय िकला छोिड़ भगबाक
घोषणा करैत ओ सबसँ तेज घोड़ापर चिढ़केँ भािग गेलाह। भोरमे जे अपनाकेँ स
􀆛ाट
बुझैत छलाह ितनके ि
􀄰थित साँझमे िभखािर जकाँ भऽ गेलैन। ओ ओतए पहाड़ िदिसभगलाह आ अपनाकेँ पाथरक पाछु नुका लेलि􀄠ह। सु􀄪तान ओिहठाम बहुत िदन धिर
रूकला आ
􀄆शासिनक 􀄭यव􀄰था केलि􀄠ह। जे केओ सु􀄪तानक आज्ञा मानलि􀄠ह हुनका
क्षमादान भेटलि
􀄠ह आ बाँकीकेँ सजा। सब िकछु ठीक ठाक केलाक बाद ओ
ओिहठामसँ िद
􀄪ली िदिस िवदा भेला। ितरहूत तुगलक सा􀆛􀄔यक एकटा अंग बिन गेल
आ ओकरा तुगलकपुर सेहो कहल जाइत छल। एवँ
􀄆कारे कण􀅭ट कालक गौरव पूणर्
शासनक अंत भेल आ शु
􀅀 रूपे िमिथलामे मुसलमानी अमल शुरू भेल। एतवा िदन
मुसलमान ए
􀄦हर􀄦हरसँ ह􀄰तक्षेप करैत छलाह मुदा आव िमिथला िद􀄪ली स􀄪तनतक
एकटा
􀄆ांत बिन गेल आ एकर 􀄰वतं􀃿 􀃾ा समा􀄢त भऽ गेलैक जकरा पुन􀄰􀅭िपत
करबाक
􀄆यास बादमे िशविसंह आ भैरव िसंह केलि􀄠ह।
कण
􀅭ट वंशक पराभव भेलापर िमिथलामे ओइनवार वंशक 􀄰थापना भेल आ इ
राजवंश तुगलक सा
􀆛􀄔यक करद रा􀄔य छल। ओना आंतिरक मामलामे जे 􀄰वायत􀃾
􀄆􀄢त रहल हौकसँ दोसर बात मुदा वा􀄰तिवकता आव इएह जे कण􀅭ट कालीन
􀄰वतं􀃿ता लु􀄢त भऽ चुकल छल आ मुसलमानी 􀄆भाव िमिथलामे काफी बिढ़ गेल छल।( पेज 127-128)
􀄦􀄠धमे ब􀆂ड बिढ़या िववरण देने छिथ। १७७२मे जखन बोडर् आफ रेव􀄠युक
􀄰थापना भेल तखन ितरहूतक सेहो राज􀄰वक आधारपर समझौता भेल। १७७४मे
ितरहूतकेँ पटनाक अधीन कऽ देल गेलैक।१७७२मे जखन बोडर् आफ रेव􀄠युक
􀄰थापना भेल तखन ितरहूतक सेहो राज􀄰वक आधारपर समझौता भेल। १७७४मे
ितरहूतकेँ पटनाक अधीन कऽ देल गेलैक। १७७२मे
􀄄ांसीस 􀆇􀄛ड ितरहूतक 􀄆थम
कलक्टर भऽ के एलाह।
􀆇􀄛ड नीलहा कोठीक सं􀄰थापक सेहो छलाह आ िहनके
􀄆यासे सम􀄰त ितरहूतमे नीलहा कोठीक जाल िबछा देल गेल छल। १७८७धिर 􀆇􀄛
िमिथलाक इितहास 135
साहेब रहलाह आ एिह बीच ओ सम
􀄰त ितरहूतक सव􀅳क्षण राज􀄰वक दृि􀆠ये केलि􀄠ह।
तकर बाद वाथर्
􀄰ट एला।
१७६२मे राजा
􀄆ताप िसंह भौरसँ हटाकेँ दरभंगामे अपन राजधानी लऽ अनले
छलाह। १७७०मे जखन पटनामे रेवे
􀄠यु कॱिसलक 􀄰थापना भेल तखन पुनः 􀄆ताप
िसंहकेँ अपन जमी
􀄠दारीक मुकरर्री क􀄦पनीसँ भेटलि􀄠ह। केली ितरहूतक राज􀄰
अधीक्षक भऽ कऽ एलाह। १७७१मे
􀄆ताप िसंह आ केलीमे मतभेद 􀄆ारंभ भेल।
राजाक ओतए बहुत रास बिकऔता भऽ गेल छलि
􀄠ह आ अं􀆇ेज लोकिन िहनक पुरान
ि
􀄰􀄜वकेँ निह रहए देमए चाहैत छलिथ􀄠ह। माधविसंहक समयमे फेर नव िहसाबे
􀄦पनीक संग समझौता भेलि􀄠, ओना रा􀄔यारोहणक पूवर्िहं माधविसंहकेँ धीरज
नारायणसँ कैकटा परग
􀅾ा भेटल छलि􀄠ह। सबटा बिकऔता चुकौलापर रा􀄔य पुनः
माधविसंहकेँ वापस भेलि
􀄠ह। तािह िदनमे एक 􀄆कारक अ􀄰थािय􀄜व छल तैं लगले
लगले पिरव
􀃾र्नो होइत रहैत छल। तथािप १७८१ सँ १७८९ धिर दरभंगा िन􀄰तुकी
रूपें माधव िसंहक अधीन रहल। वाथर्
􀄰ट कलक्टर दरभंगा आिब महाराजसँ भेट कए
अनुरोध केलकि
􀄠ह जे दमामी ब􀄠दोब􀄰त मािन लैथ पर􀄖च माधविसंह बड़ा िचंतामे पिड़
गेल छलाह आ कोनो िनणर्य लेबामे असमथर् रहलाह। वो गवनर्र जेनरलसँ अनुरोध
केलि
􀄠ह जे हुनक रा􀄔य घुरा देल जाि􀄠ह। जखन इ सब वात􀅭लाप छल तखन हुनका
कराम अलीक
􀄰टेट सेहो 􀄆􀄢त भेलै􀄠ह (१७९५)। एिहमे १५परग􀅾ामे ३५टा गाम
छल। सरकार बहादुर अिहबातकेँ निह मािन एिह सब दान बला गाँव अपन रा
􀄔यमे
िमला लेलक। पुनः झंझटक बाद १८००इ.मे इ स
􀄦पि􀃾 राजकेँ भेटलैक। अतंतोग􀄜वा
दरभंगा राज सेहो दमामीब􀄠दोब􀄰तक अधीन भऽ गेल) पन्ना  134   

राजधानी बनौलि􀄠ह। १७८५सँ अ􀅄ाविध िहनका लोकिनक राजधानी दरभंगा रहल
अिछ। ख􀄛डवला कुलक इितहासमे माधव िसंहक शासनकेँ ब􀆂ड मह􀄜वपूणर् मानल
गेल अिछ। ओ अपन 􀄆ाचीन पर􀄦पराक अनुसार सम􀄰त ितरहूतपर 􀄆भु􀄜वक माँग
अं􀆇ेजक समक्ष रखने छलाह आ िचर􀄰थायी ब􀄠दोब􀄰तकेँ मनबा लेल तैयार निह
छलाह। एिह हेतु ओ स􀆛ाट शाह आलम ि􀅅तीयक दरबारमे सेहो दरखा􀄰त देने छलाह
आ शाह आलमसँ १८०० ई.मे एकर 􀄰वीकृित सेहो भेट गेल छलि􀄠ह। पर􀄖
􀄦पनीक अिधकारी लोकिन िहनक बात निह सुनलकै􀄠ह आ निह शाह आलमक
􀄰
वीकृितयेकेँ मानलकै􀄠ह आ िहनका लोकिनकेँ जमी􀄠दारक दज􀅭 दऽ देलकै􀄠ह आ तिहये
इ राजा दरभंगाक जमी􀄠दारी कहबे लागल जे १९४७ तक रहल।)

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