Wednesday, July 20, 2011

टाका बिना टक टकाय चः

टाका बिना टक टकाय चः
काल्हि हमारास पटनास फोनेकय पुछालाह की अन्हां मैथिलीमें ब्लॉग लिखत छी- आ कियैक लिखित छी
तखन लागल जे सब दिन मैतिलीमे सेहो किछु ने किछु जरुर लिखी चाहे ओ गलत सलत कियैक नहीं हो .
आई हम ट्रांसपोर्ट ऑफिस गेल छलन्हू जतय किछु पहिने सेहो गेल छलन्हू आ ओत एक मिश्राजी कटिहार्क छथी मुदा ओही दिन ओ सहायक नहीं भेलाह आ हम एम्हर उम्हर घुमैत रहलंहू
ओही दिन हमारा कहल गेल छल जे अपन आई कार्ड आ pan कार्ड जे हम फोतोकोपी देने छलंहू तकर attest करा आनी
जखंकी हमर पहिनेके ड्राइविंग लाएसेंस एतहिके छल आ हम स्वयम एक अधिकारी छी आ फेर सत्तरी Taaka जमा कयामे १२ बजे तक त्रेजरीमे जाकर समय भय गेल छलैक
आई हम सत्तरी रूपा जमाकय गेल छाल्न्हु
हम चाहैत छी जे टकाक जगह लोक रूपा बेगुसरैक बोली जकां लिखथी कारन रूपया शब्द रूपा यानी चंदीक सिक्का स प्रायः बनल छैक जे अंग्रेज जमानामे विक्टोरिया महारानीक फोटो बाला होइत छलैक आ पूजा पाठ शुभ मुहुर्तमे ओकर महत्व बहुत छलैक
टाका शब्द ओना मिथिलाक बहार बंगलामे सेहो छाई मुदा मिथिलामे कहबी छैक
टाका बिना टक टकाय चः
अइयो ऊपर अननद बाबू लग जाइए उधर जाइये आदि भेल टी हम मिश्राजी लग गेलंहु ओ फेर वैह क्लेर्क मरांडी लग पथौलक
मरांडी अररि या हमर स्थाई पतामे देखि पुछलक कट अररियामे टी कहालंहू फारबिसगंज
मरंदीक कियो फर्बिस्गंज्मे मकान बनने छैक
हम पूछल कत ?
हाई स्कूल दिस राज बुक देपोट्स अगन
तहं हमरा स नीक बात कार्य लागल
हम कहल जे बहम टी केवल बाबुलाल मरांडी के जनित छे आ हुनक छोट भाई छोटेलाल मराम्दी जे कहैत छलाह जे मैथिली हुनक दोसर मत्री भाषा छानी
हम चाहैत छी जे संथाल परगना मिथिलामे जाय कारण ओ पहिने भागलपुर कमिश्नारीमे छल आ मिथिलामे अदिवासीक सब आरक्षण संथाल्के भेटतैक जे एखन अगन बरहाल आदिवासी क्रिस्टियन आ मुंडा ओरों ले लेत छैक
संगही अंह सबके मिथिलामे गेला स गंगाजल भेटत
आ सबस पिघ बात जे संथाल्क प्रवाह गंगाक उत्तर पुरना, मधेपुरा, सुपौल तक छैक
स्वयम बाबूलाल मराडी सेहो उम्हर सुपौल्दिस्क छथी से हमरा कियो बतौलक जे ओ बिहारक चुनावमे उम्हर गेल छलाह आ एक स्चूल्के सांसद फुन्ड्स किछु लाख ओही स्चूल्के देलखिन
जे किरानी हमारा तकरैत छल जे एक लिफाफा लाइए ओ कहलक जे आप जाइये १५ दिन बाद आकार फोटो खी लेब
ओ पूछने छल की हम पिछला दिन D T O स भेंट केने छाक्ल्न्हू/
हम कहलियैक 'जहा कम आबे सूई कह करे तलवार
जे काज अंहस ओही भय जायत ओही लेल मिनिस्तेरलग kiyaik जाऊ
फेर एक मैथिली सन्देश ओकरा देल.
मैथिल माने मिथिला क्षेत्रक सब
आया गर्गे ग्रियर्सन संथाल परगना क किछु भाग मिथिलीभाशी देकहिने छथी
फेर गेलंहु आकास्वानी- एक चेक लेबक छल हमर मधुमेह पर वार्त्तक
हमारा एक परिचित बजाके ले गेलाह एक कमरमे बैसाब- वर्षा भय रहल छल
हम किछु बज्लान्हू कोना रेडियो आजुक युग्मे TV स कम्पीट कराय/
एक बजलाह जे एहिमे कलाकार, संचार एन्गीनिर आ प्रशाशक के अलावा समाजक विद्वान् आ श्रोता सेहो छैक
हुनक बोली स पारी लेल ओ देव्घर्क छलथि आ हुनक संगे देशदीपक बाकक जे गिद्दीमे छथी फ़ोन पर बात भेल छल
संयोग भेंट भय गेल आई
धनाकर ठाकुर

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